भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा कि विराट कोहली की वनडे कप्तानी के मसले को बेहतर तरीके से हैंडल किया जा सकता था। शास्त्री ने कहा कि कोहली ने अपने हिस्से की बात साफ-साफ बता दी है और अब बारी बीसीसीआई अध्यक्ष रवि शास्त्री की है। साउथ अफ्रीका दौरे पर रवानगी से पहले कोहली का दिया बयान गांगुली की बात से काफी अलग था।
गांगुली ने दिसंबर की शुरुआत में कहा था कि BCCI ने विराट कोहली से अनुरोध किया था कि वह टी20 टीम की कप्तानी नहीं छोड़ें लेकिन कोहली ने उनकी बात नहीं मानी। हालांकि भारतीय टीम जब साउथ अफ्रीका दौरे के लिए रवाना हो रही थी तो उससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोहली ने कहा कि उन्हें ऐसा कभी नहीं कहा गया। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि वनडे की कप्तानी से उन्हें हटाए जाने का फैसला भी टीम की घोषणा से डेढ़ घंटा पहला सुनाया गया।
रवि शास्त्री ने इंडियन एक्सप्रेस ई. अड्डा में इस मुद्दे पर कहा, ‘विराट ने अपनी बात बता दी है। अब बोर्ड प्रेजिडेंट को अपनी बात कहनी चाहिए। अच्छे संवाद के साथ परिस्थिति को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था।’
‘रोहित ही सीमित ओवरों के कप्तान होने चाहिए’ : रवि शास्त्री हालांकि रोहित शर्मा को सीमित ओवरों के प्रारूप का कप्तान बनाए जाने के समर्थन में नजर आए। उन्होंने कहा, ‘रोहित शर्मा अब टी20 के कप्तान
बने। सीमित ओवरों के फॉर्मेट का कप्तान उन्हें ही होना चाहिए। एक बार जब विराट ने कह दिया कि वह टी20 में कप्तानी नहीं करेंगे तो इसने रोहित के लिए रास्ते खोल दिए। वही सीमित ओवरों का कप्तान होना चाहिए।’
‘टेस्ट में विराट बेस्ट, मैं विराट में खुद को देखता हूं’ : इसके साथ ही हालांकि उन्होंने विराट को टेस्ट में बेस्ट कप्तान भी बताया। उन्होंने कहा, ‘बिना किसी शक के विराट कोहली को टेस्ट कप्तान होना चाहिए। आप देखिए उन्होंने क्या किया है। कोई भी कप्तान इस तरह के जुनून से टीम की कप्तानी नहीं करता है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे विराट में काफी हद तक अपनी छवि नजर आती है।’
शास्त्री ने आगे कहा, ‘विराट के साथ मेरे संबंध शानदार हैं। एक जैसी सोच रखने वाले दो लोग, अपना काम करते हैं। विराट में काफी हद तक मुझे अपना अक्स नजर आता है। जोश, कुछ करने की भूख और आत्मविश्वास, आप विराट में ये सब देखते हैं।’