उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने साल 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगे (Muzaffarnagar Riots) को लेकर पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार पर निशाना साधा है। सीएम योगी ने दंगे को सत्ता प्रायोजित करार देते हुए कहा कि निर्दोष लोगों पर मुकदमे दर्ज हुए, जिन्हें बहुत पहले ही वापस ले लेना चाहिए था।
सीएम योगी ने राजधानी लखनऊ में हमारे सहयोगी टीवी चैनल टाइम्स नाउ नवभारत से बातचीत में कहा, ‘मुजफ्फरनगर दंगा सत्ता द्वारा प्रायोजित था। अपने निकम्मेपन और नाकामयाबियों को छुपाने के लिए पिछली सरकार ने निर्दोष लोगों पर जो मुकदमे दर्ज किए गए थे, उन्हें वापस होना ही था। यह तो बहुत पहले ही वापस हो जाना चाहिए था।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुजफ्फरनगर में मासूमों की प्रताड़ना की गई। झूठे मुकदमे लादे गए। ऐसे सभी मुकदमों को समाप्त कर दिया जाना चाहिए, जिसे पिछली सरकारों ने राजनीतिक कारणों से निर्दोष लोगों पर लगाए थे।’ गौरतलब है कि योगी सरकार ने मुजफ्फरनगर के दंगो से संबंधित 77 आपराधिक केस वापस ले लिए थे। इनमें आजीवन कारावास जैसी धाराओं में भी केस दर्ज थे।
अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में हुए दंगों में 62 लोगों की मौत हुई थी। पश्चिमी यूपी के पांच जिलों में 6869 लोगों के खिलाफ 510 मुकदमे दर्ज किए गए थे। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, यूपी सरकार में मंत्री सुरेश राणा, विधायक संगीत सोम, कपिल अग्रवाल, उमेश मलिक, साध्वी प्राची के खिलाफ भी धर्म विशेष के खिलाफ उकसाने और भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज हुआ था।