मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को घोषणा की कि राज्य में स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही नयी नीति पेश की जाएगी और उद्यम पूंजी कोष भी स्थापित किया जाएगा।
चौहान ने इंदौर में गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेने के बाद ‘‘स्टार्ट इन इंदौर’’ सम्मेलन में शहर के स्टार्ट-अप उद्यमियों के साथ संवाद किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा,”अगर हमें भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है, तो स्टार्ट-अप को बढ़ावा देना ही होगा। इसलिए हमने तय किया है कि हम राज्य की नयी स्टार्ट-अप नीति जल्द ही पेश करेंगे।’’
उन्होंने बताया कि स्टार्ट-अप की वित्तीय मदद के लिए प्रदेश सरकार उद्यम पूंजी कोष की स्थापना करेगी और इसके जरिये कारोबार के नवाचारी विचारों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूंजी किसी भी नये उद्यम की बुनियादी जरूरत होती है और इसके मद्देनजर स्टार्ट-अप को बैंकों से कर्ज दिलाने तथा इस सिलसिले में सरकारी गारंटी प्रदान किए जाने पर भी विचार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार स्टार्ट-अप के लिए वैश्विक निवेशक सम्मेलन के आयोजन के बारे में भी सोच रही है। उन्होंने कहा कि उन्होंने तय किया है कि हर महीने एक घंटे का समय निकालकर स्टार्ट-अप उद्यमियों से सीधी बातचीत करेंगे ताकि उनके सामने मौजूद रुकावटों को दूर किया जा सके।
इंदौर के कुछ स्टार्ट-अप की कामयाबी की कहानी जानने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा,”मैं चाहता हूं कि इंदौर देश की स्टार्ट-अप राजधानी बने।’’
चौहान ने सम्मेलन के दौरान इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) को निर्देश दिया कि वह स्टार्ट-अप को रियायती दर पर कार्यस्थल मुहैया कराने की योजना बनाए।