मध्यप्रदेश से उभरते रणजी खिलाड़ी जोकि नर्मदापुरम संभाग का प्रतिनिधित्व करते हैं उन्होंबBने आज मध्यप्रदेश के रणजी इतिहास एक नया कीर्तिमान रच दिया। उन्होंने मध्यप्रदेश के रणजी इतिहास में सबसे ज्यादा रन केरल के खिलाफ 34 चौके और 2 छक्कों से 289 रन बनाने का रिकॉर्ड बनाया, इसके पहले यह रिकॉर्ड अजय रोहेरा 267 के नाम था। उन्होंने इस पारी में रजत पाटीदार 142 रन के साथ रिकॉर्ड 277 रन की साझेदारी भी की। यश दुबे जोकि मूलतः होशंगाबाद के रहने वाले हैं ने बताया कि उन्होंने 6 वर्ष की आयु में अपने क्रिकेट केरियर की शुरुआत भोपाल के सरदार पटेल अकादमी में लगने वाले समर केम्प से शुरू की थी जहाँ पर एन आई एस कोच श्री शैलेष शुक्ला से उन्होंने क्रिकेट के बेसिक्स सीखे बाद में यह अकादमी मॉडल स्कूल पर स्थानांतरित हो गई थी उसके बाद से यश ने वही पर श्री शैलेष शुक्ला सर के मार्गदर्शन में क्रिकेट की बारीकियां सीखी और अपनी कमियों को दूर किया। यही पर कोचिंग लेते हुए उन्होंने जब पहली बार होशंगाबाद में अंडर 14 का ट्रायल दिया तब होशंगाबाद संभाग के चयनकर्ता श्री अनुराग मिश्रा की नज़र यश दुबे पर पड़ी तभी उन्होंने यश की प्रतिभा को पहचान लिया था । चूंकि श्री शैलेष शुक्ला और श्री अनुराग मिश्रा दोनो ने काफी क्रिकेट साथ खेली और दोनों ही आपस मे काफी अच्छे मित्र भी रहे। इन दोनों ने इस बच्चे के टेलेंट के बारे में चर्चा की और यश को स्थानीय स्तर पर काफी मैच खिलाए जिनमे यश का प्रदर्शन काफी सराहनीय था । यश ने होशंगाबाद संभाग से अंडर -14 , 16, 18 , 23 के अलावा सिनियर डिवीजन टूर्नामेंट में प्रतिनिधित्व किया और लगातार अपने अच्छे प्रदर्शन से रणजी टीम के चयनकर्ताओं को प्रभावित किया और मध्यप्रदेश की रणजी टीम में अपना स्थान बनाया। यश मध्यप्रदेश से पिछले 3 सालों से रणजी खेल रहे है और लगातार अच्छा प्रदर्शन करते आ रहे है और अगर ऐसा ही प्रर्दशन जारी रहा तो आप यश को राष्ट्रीय स्तर पर भी खेलते हुए देख सकते है। स्पोर्ट्स एज के संपादक योगेन्द्र व्यास ने उन्हें इस उपलब्धि पर बधाई दी और उनसे चर्चा की ।यश ने बताया कि “मुझे अपने शुरुआती क्रिकेट केरियर में एन आई एस कोच श्री शैलेश शुक्ला का काफी सहयोग और मार्गदर्शन मिला । उन्होंने मुझे क्रिकेट की बारीकियों से अवगत कराया और मेरी कमियों को दूर किया । आज भी मुझे जब कोई तकनीकी समस्या होती है तो में उनसे चर्चा करता रहता हूं । शैलेष सर हमेशा ही मुझे प्रोत्साहित करते है और मेरी कमियों को बताने के साथ साथ दूर भी करते है । साथ ही अनुराग मिश्रा सर से जब पहली बार अंडर 14 के ट्रायल के वक्त मिला तभी से अनुराग मिश्रा सर की विशेष कृपा बनी रही और हर वक्त मुझे प्रोत्साहित करते रहे । कभी कभी में काफी नर्वस हो जाता था तो मुझे मोटिवेट करते थे और अनुराग सर ने भी मेरी कमियों को दूर किया और क्रिकेट की बारीकियों को बताया। अनुराग सर ने स्थानीय स्तर पर काफी मैच भी खिलाए जिसके कारण आज में इस मुकाम पर हु। में हमेशा शैलेष शुक्ला सर और अनुराग मिश्रा सर का आभारी रहूंगा । आज उन्ही के मार्गदर्शन के कारण में अच्छा प्रदर्शन कर पा रहा हूँ।
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