ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर पहुंचे बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या का विरोध देखने को मिला है। लेकिन अपने उन्होंने यहां एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने भारत में मुगलों के आक्रमण को इतिहास का सबसे रक्तरंजित पाठ बताया। तेजस्वी सूर्या ने इसकी तुलना हिटलर के यहूदियों पर किए अत्याचार से की। हालांकि तेजस्वी ने इस बयान के लिए अमेरिकी इतिहासकार विल ड्यूरेंट की किताब का हवाला दिया। ऑस्ट्रेलिया इंडिया यूथ डायलॉग (AIYD) के कार्यक्रम के दौरान पैरामाटा में सोमवार को तेजस्वी सूर्या ने इशारों-इशारों में कहा कि इस्लाम का इतिहास रक्तपात और हिंसा से भरा हुआ है।
तेजस्वी सूर्या ने कहा, ‘हम इस विशेष समुदाय के इतिहास को इसके अस्तित्व के समय से जानते हैं और इसका इतिहास रक्तपात और हिंसा से भरा हुआ है।’ इसके अलावा तेजस्वी सूर्या ने हलाल भोजन पर प्रतिबंध लगाने की पहल का समर्थन किया और कहा कि हिंदू समुदाय को उन पार्टियों को वोट देना चाहिए जो विशेष रूप से हिंदुओं की रक्षा करती हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में यहूदियों पर अत्याचार की फिल्में और म्यूजियम हैं, लेकिन हिंदुओं पर टीपू सुल्तान, मोहम्मद गौरी, अलाउद्दीन खिलजी के अत्याचार की बात भी नहीं होती।
कार्यक्रम हुआ था रद्द : तेजस्वी सूर्या ने ये टिप्पणी एक निजी कार्यक्रम में की। यह कार्यक्रम पैरामाटा के स्वाइनबर्न प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के ECA कॉलेज में होना था। लेकिन उनके कार्यक्रम से पहले ही स्वाइनबर्न इस्लामिक सोसायटी ने इस कार्यक्रम का विरोध किया। इस्लामिक सोसायटी ने विश्वविद्यालय को इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए पत्र लिखा, जिसके बाद विश्वविद्यालय ने 31 मई को होने वाले इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया।
वीजा रद्द करने की उठी मांग : ऑस्ट्रेलिया इंडिया यूथ डायलॉग की ओर से कहा गया कि वह किसी भी प्रतिनिधि के विचारों का समर्थन नहीं करता है। तेजस्वी सूर्या के कार्यक्रम की खबर मिलते ही ऑस्ट्रेलिया में मुस्लिम छात्रों, संगठनों और धार्मिक संगठनों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद तेजस्वी सूर्या का यह बयान सामने आया है। एक मुस्लिम संगठन के छात्र जुनैद अहमद ने कहा कि तेजस्वी सूर्या को यूनिवर्सिटी में बोलने की इजाजत देना हेट स्पीच और इस्लामोफोबिया को बढ़ाने वाला है। सूर्या का वीजा रद्द करने के लिए एक पेटीशन पर 5,600 से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं।