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November 24, 2024
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बच्‍चे की नजर में क्‍यों बन जाते हैं मुजरिम?

करोड़ों तानों से भरी होती है पैरेंट्स की जिंदगी, बच्‍चे की नजर में क्‍यों बन जाते हैं मुजरिम?

बच्‍चों के प्रति पैरेंट्स की अनगिनत जिम्‍मेदारियां होती हैं। माता-पिता को अक्‍सर उनकी परवरिश को लेकर कटघरे में खड़ा कर दिया जाता है। किसी को बहुत स्ट्रिक्‍ट बता दिया जाता है तो किसी को बहुत ज्‍यादा खुले विचारों वाला कह दिया जाता है। इस चीज को साइकोलॉजिस्‍ट और पैरेंटिंग एक्‍सपर्ट पैरेंट शेमिंग के तौर पर परिभाषित करते हैं। यहां तक कि सिलेब्रिटीज तक इसे झेल चुके हैं और इस पर खुलकर बात कर चुके हैं।
साल 2017 में लेजेंड्री फुटबॉलर डेविड बेकहम को अपनी पांच साल की बेटी को होंठों पर किस करने वाली फोटो पोस्‍ट करने पर बहुत नेगेटिव कमेंट्स सुनने पड़े थे। अपनी बेटी के प्रति प्‍यार को दर्शाने वाली इस पोस्‍ट को लोगों ने गलत और अशिष्‍ट करार दिया था। एक्‍ट्रेस रीसे विथरस्‍पून को भी अपने बच्‍चे को नाश्‍ते में मीठा खिलाने पर पैरेंट शेमिंग से गुजरना पड़ा था।
इन सिलेब्रिटीज के एक्‍सपीरियंस से आप समझ ही सकते हैं कि पैरेंट्स के ऊपर जहां ढेरों जिम्‍मेदारियां होती हैं, वहीं उन्‍हें हर कदम पर अग्नि परीक्षा भी देनी पड़ती है। इस आर्टिकल में आगे हम पैरेंट शेमिंग के बारे में खुलकर और संक्षेप में बता रहे हैं। अगर आप भी पैरेंट हैं, तो यहां बताई गई बातों से आप कहीं ना कहीं सहमत होंगे।
​क्‍या है शेमिंग: शेमिंग एक भावना है वो भी दर्द से भरी। ये अपराध बोध की भावना से अलग होती है जिसमें कम से कम एक इंसान को आगे बढ़ने और अपनी गलती को सुधारने का मौका तो मिलता है। वहीं शेम एक इंसान को अपने आप को अयोग्‍य और अपर्याप्‍त समझने की भावना देता है।
​परफेक्‍ट नहीं हैं पैरेंट : कोई भी पैरेंट परफेक्‍ट नहीं होते हैं, हर कोई अपनी गलतियों से सीखता है और आगे बढ़ता है। आप अपने बच्‍चे की चाहे कितनी भी केयर करते हों या उससे कितना भी प्‍यार करते हों, लोग आपको लेकर कोई ना कोई धारणा जरूर बनाएंगे।
​बच्‍चों पर पड़ता है असर : बच्‍चों की परवरिश करने के तरीके पर पैरेंट्स की आलोचना करने को पैरेंट शेमिंग कहते हैं। जब लोग बच्‍चों के ही सामने उनके माता-पिता को उनकी पैरे‍ंटिंग के लिए बुरा कहते हैं, तो इसका गलत असर बच्‍चों पर भी पड़ता है।
इंटेंसिव पैरेंटिंग है नया टारगेट : ‘द कंवरसेशन’ द्वारा साल 2018 में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इंटेंसिव पैरेंटिंग पैरेंट शेमिंग का नया टारगेट बन गया है। इंटेंसिव पैरेंटिंग में बच्‍चों की परवरिश के लिए पर्याप्‍त समय, पैसा और एनर्जी की जरूरत होती है। इसमें बच्‍चे की जिंदगी में बहुत ज्‍यादा इन्‍वॉल्‍व होना और उन्‍हें हर खतरे से बचाना शामिल है।
हेलिकॉप्‍टर पैरेंटिंग है हिस्‍सा : ओवरपैरेंटिंग को हेलिकॉप्‍टर पैरेंटिंग भी कहा जाता है जो कि इंटेंसिव पैरेंटिंग का ही हिस्‍सा है। इसमें पैरेंट्स को बच्‍चे को बिगाड़ने के लिए आलोचना झेलनी पड़ती है और ये कहा जाता है कि वो अपने बच्‍चों को दुनिया की चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार ही नहीं करना चाहते हैं।
क्‍या करें या कैसे रोकें : पैरेंट शेमिंग, आज की बात नहीं है बल्कि ये सब कई सालों या सदियों से चला आ रहा है। लोगों को पैरेंट्स की आलोचना करने की बजाय उनके प्रयासों को समझना चाहिए। आप इस बात को समझें कि गलती करने से ही इंसान सीखता है और ऐसा कोई भी इंसान नहीं है जिसने गलती ना की हो।
दूसरे पैरेंट्स की आलोचना करने से पहले आप जरा अपने निर्णयों और पैरेंटिंग को भी देख लें और उसके बाद ही दूसरों पर कमेंट करें।

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