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क्रिकेट प्रेमियों को पहले टेस्ट मैच में टेस्ट क्रिकेट की सारी खूबसूरती देखने को मिल रही है। जैसा कि आशंका थी कि भारतीय मध्य क्रम विश्वसनीय नहीं है और हुआ भी वही। चौथे दिन जब खेल शुरू हुआ तो भारत दूसरी पारी में पहले ही घंटे में 51/5 की आत्मघाती स्थिति में पहुंच गया था। उम्मीद श्रेयस से ही थी और उसी विकेट पर श्रेयस अय्यर ने भी संयम, तकनीक और कौशल का भी अद्भुत प्रदर्शन किया। ऐसे ही कौशल की उम्मीद पुजारा और रहाणे से भी की गई थी परंतु ये दोनों टीम को संकट में डाल कर पैवेलियन लौट चुके थे। लेकिन श्रेयस ने पहले अश्विन के साथ और फिर साहा के साथ और बाद में साहा व अक्षर पटेल ने अर्धशतकीय साझेदारी करके भारत को हार के अनापेक्षित मुहाने से निकाल कर जीत की दहलीज पर खड़ा कर दिया। लेकिन भारतीय थिंक टैंक को यह सोचना बहुत आवश्यक है कि हर बार निचले क्रम से ही मैच नहीं जीते जाते, टॉप ऑर्डर के साथ मध्यक्रम को भी अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
इस मैच में कितनी बार क्रिकेट को कभी भारत तो कभी न्यूजीलैंड की तरफ़ करवट बदलते देखा है। अब पांचवे दिन भारत की जीत और न्यूजीलैंड के बीच टॉम लैथम के आलावा कप्तान केन विलियमसन और रोज़ टेलर होंगे, यदि भारत पहले सत्र में 2 या 3 विकेट निकालने में सफल हो गया तो जीत की खुशबू जल्द ही आने लगेगी। लेकिन यदि ये कीवी बल्लेबाज़ सेट हो गए तो परिणाम कुछ भी हो सकता है।
पांचवा दिन टेस्ट क्रिकेट का सबसे कठिन समय होता है फिर पांचवे दिन टूटते विकेट पर अश्विन, अक्षर पटेल व रविंद्र जडेजा को खेल पाना आसान नहीं होगा। न्यूजीलैंड यंग का विकेट गंवा चुका है इसलिए उनकी कोशिश क्रीज पर डटे रहने की ज्यादा जोगी। लेकिन भारतीय गेंदबाजों को ये याद रखना होगा कि कप्तान केन विलियमसन और रोज़ टेलर ने ही भारत से टेस्ट चैंपियनशिप छीनी थी। भारत के लिहाज़ से बांए हाथ के अक्षर और जड़ेजा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकती है। कुछ सालों से टेस्ट क्रिकेट में पांचवे दिन तक बहुत कम मैच जा रहे हैं। परंतु हर दिन पाला बदल रहे इस मैच में निर्णय के लिए आख़िरी सत्र तक इंतजार करना अत्यंत रोमांचक होने वाला है।