प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करते हुए कहा कि इस तरह की सुविधाओं का निर्माण वीआईपी संस्कृति से ‘‘ईपीआई’’ (हर व्यक्ति महत्वपूर्ण है) संस्कृति में परिवर्तन की शुरुआत है।
इस रेलवे स्टेशन को पहले हबीबगंज के नाम से जाना जाता था।
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उन्होंने पिछली सरकारों पर रेलवे परियोजनाओं को लागू करने में सुस्ती का आरोप लगाया और कहा कि महत्वाकांक्षी ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के काम में पिछले छह-सात वर्षों में ही तेजी आई है।
भोपाल के गोंड साम्राज्य की रानी के नाम पर हाल ही में नामित इस स्टेशन में आधुनिक विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ सभी प्लेटफार्म को जोड़ने वाला सेंट्रल कॉनकोर्स बनाया गया है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश में और अधिक रामायण सर्किट (भगवान राम से संबंधित तीर्थ स्थलों) एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि रेलवे अगले दो वर्षों में 75 वंदे भारत ट्रेन शुरू करने के लिए भी प्रयास कर रहा है।
मोदी ने रेलवे के गंदगी और लेटलतीफी से भरे कुख्यात अतीत कहा जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ स्थिति इतनी खराब थी कि लोगों ने रेलवे की स्थिति में किसी तरह के बदलाव की उम्मीद भी छोड़ दी थी, लेकिन जब देश अपने संकल्पों को पूरा करने के लिए ईमानदारी से काम करता है तो बदलाव होता है, जो पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ भोपाल के इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन को न केवल नया रूप दिया गया है, बल्कि गिन्नौरगढ़ की रानी कमलापति जी के नाम के साथ इसका महत्व भी बढ़ गया है। भारतीय रेल का गौरव गोंडवाना के गौरव से जुड़ गया है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर हवाई अड्डे जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं। इसमें आधुनिक शौचालय, गुणवत्तापूर्ण भोजन, होटल, अस्पताल, स्मार्ट पार्किंग, तथा स्टेशन के सभी प्लेटफार्म को जोड़ने के लिए सेंट्रल कॉनकोर्स है।
उन्होंने कहा कि इसी तर्ज पर देश में कुल 175 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह वीआईपी संस्कृति से ईपीआई (हर व्यक्ति महत्वपूर्ण) संस्कृति की ओर बढ़ने की शुरुआत है। देश का सामान्य कर देयक ऐसी आधुनिक सुविधाओं की उम्मीद करता है।’’
उन्होंने रेलवे द्वारा शुरू की गई रामायण परिपथ पर्यटन ट्रेन का जिक्र करते हुए कहा कि पहले रेलवे द्वारा पर्यटन प्रीमियम क्लब तक ही सीमित था लेकिन अब पहली बार आम लोग रेलवे में पर्यटन और तीर्थयात्राओं का अनुभव कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों पर रेलवे परियोजनाओं को लागू करने में सुस्त होने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘ मेरे सामने ऐसी रेल परियोजनाएं भी आईं जिनको 40 साल पहले घोषित किया गया था लेकिन उन पर काम कागज पर भी नहीं हुआ था।’’ इसके साथ उन्होंने कहा कि रेलवे अब अपनी नई परियोजनाओं को लागू करने के प्रति अधिक गंभीर और अधीर है।
उन्होंने कहा कि रेलवे ने पिछले सात सालों में हर साल लगभग 2500 किमी रेलवे ट्रैक तैयार किया है जबकि इससे पहले यह औसत 1500 किमी प्रति वर्ष का था। इसके साथ पिछले वर्षों के तुलना में इन सात सालों में विद्युतीकरण की गति भी पांच गुना बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 35 रेल परियोजनाओं में 1125 किमी रेलवे लाइन का काम पूरा किया गया है।
मोदी ने कहा कि रेल संपर्क बनने से किसानों को नया बाजार मिला है। इसके अलावा लोग विस्टा डोम कोचों को भी पसंद कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश में और अधिक रामायण परिपथ (भगवान राम से संबंधित तीर्थ स्थल) एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान’ अलग-अलग मंत्रालयों को एक मंच पर लाने का काम कर रहा है। इससे आजादी के अमृत काल में देश के विकास को अभूतपूर्व गति मिलेगी।
इस अवसर पर मोदी ने मध्य प्रदेश में रेलवे की कई अन्य सुविधाओं का ऑनलाइन शुभारंभ किया। इनमें उज्जैन-चंद्रावतीगंज ब्रॉड गेज खंड, भोपाल-बरखेड़ा खंड में तीसरी लाइन, मथेला-निमाड़ खेड़ी ब्रॉड गेज खंड और गुना-ग्वालियर विद्युतीकरण खंड शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने उज्जैन-इंदौर और इंदौर-उज्जैन रेल मार्ग पर दो नई मेमू ट्रेन का भी उद्घाटन किया।
अपने भाषण से पहले प्रधानमंत्री ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की सारी सुविधाओं का निरीक्षण किया और इस स्टेशन के विकास पर बनी एक लघु फिल्म भी देखी।
कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे।