अफगानिस्तान से पश्चिमी देशों के सभी सैनिकों की वापसी का जश्न तालिबान ने अपने ही तरीके से मनाया। आतिशबाजी और धमाके तो शायद आम होंगे, यहां तालिबानी लड़ाकों ने अमेरिकी, ब्रिटिश, फ्रेंच और NATO सेनाओं के नकली जनाजे निकाल डाले। हजारों की संख्या में ये लोग सड़कों पर निकले और 20 साल तक चली इस जंग की ‘जीत’ का जश्न मनाया।
गलियों में उतरे इन लड़ाकों ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस के झंडे ताबूतों पर लपेट रखे थे। खोस्त प्रांत में ये भीड़ तालिबान का प्रतीक लहरा रही थी। कुछ दिन पहले ही यहां तालिबान के विरोध में भारी प्रदर्शन हो रहे थे। वहीं, कंधार में भी तालिबान के सफेद झंडे लेकर हजारों की भीड़ जश्न मनाने को निकली। इससे पहले अमेरिका के आखिरी सैनिकों ने देश छोड़ दिया था।
फायरिंग की, झंडा फहराया : लड़ाकों ने हवा में ताबड़तोड़ फायरिंग की, एयरपोर्ट पर तालिबानी झंडा फहराया और जीत के नारे लगाए। शीर्ष तालिबानी नेता अनस हक्कानी ने पुष्टि करते हुए कहा कि अमेरिका ने आधिकारिक रूप से 19 साल 8 महीने के बाद अफगानिस्तान छोड़ दिया है।
एक दूसरे वीडियो में तालिबानी लड़ाकों को काबुल एयरपोर्ट के एक हैंगर के भीतर टहलतते और चिनूक हेलीकॉप्टर की जांच करते देखा जा सकता है। तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों की वापसी को ‘ऐतिहासिक क्षण’ बताया और कहा कि अफगानिस्तान अब पूरी तरह से ‘आजाद’ हो चुका है।
लौट गया अमेरिका : अफगानिस्तान में तालिबान की डेडलाइन से पहले ही अमेरिका ने अपनी सैन्य उपस्थिति समाप्त कर दी है। अफगानिस्तान से अमेरिका के आखिरी विमान C-17 ने 30 अगस्त को रात 3.29 बजे काबुल के हामिद करजई एयरपोर्ट से उड़ान भरी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से अपने कमांडरों की खतरनाक वापसी के लिए धन्यवाद किया।