चीन ने पृथ्वी का चक्कर लगा रहे अपने अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा करने के उद्देश्य से तीन अंतरिक्षयात्रियों के दल को छह महीने के मिशन पर रविवार को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा। अंतरिक्षयात्रियों चेन डोंग, लियू यांग और काई शुझे के साथ शेनझोउ-14 अंतरिक्ष यान को उत्तर पश्चिमी चीन के जिउक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। इसके कुछ ही मिनट बाद पृथ्वी पर स्थित नियंत्रण कक्ष के अधिकारी ने मिशन को सफल घोषित किया और बताया कि अंतरिक्षयान अपनी निर्धारित कक्षा में पहुंच गया है।
तियानगोंग अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए तीनों अंतरिक्षयात्री ग्राउंड टीम (पृथ्वी पर तैनात दल) के साथ सहयोग करेंगे। इसे एकल-मॉड्यूल संरचना से तीन मॉड्यूल वाली एक राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रयोगशाला में विकसित किया जाएगा, जिसका मुख्य (कोर) मॉड्यूल तियानहे और दो प्रयोगशाला मॉड्यूल – वेंटियन और मेंगटियन होंगे। इस प्रक्षेपण का देशभर में सीधा प्रसारण किया गया। चीन मानवयुक्त अंतरिक्ष एजेंसी (सीएमएसए) के उप निदेशक लिन शिकियांग ने शनिवार को घोषणा की कि यह मिशन अंतरिक्ष स्टेशन को राष्ट्रीय अंतरिक्ष वेधशाला में बदल देगा।
लिन ने प्रक्षेपण से पहले संवाददाता सम्मेलन में बताया कि शेनझोउ-14 से भेजे जा रहे अंतरिक्ष यात्री कोर मॉड्यूल के साथ दो प्रयोगशाला मॉड्यूल के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए ग्राउंड टीम के साथ काम करेंगे। उन्होंने बताया कि वे पहली बार दो प्रयोगशाला में प्रवेश करेंगे और अपने रहने के लिए वातावरण को अनुकूल बनाएंगे। अंतरिक्ष स्टेशन बनाने के लिए दूसरी बार अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा गया है। इससे पहले, चीन के तीन अंतरिक्ष यात्री देश के नए अंतरिक्ष स्टेशन पर रिकॉर्ड छह महीने बिताने के बाद अप्रैल में पृथ्वी पर सुरक्षित लौट आए थे।
उन्होंने वहां अंतरिक्ष स्टेशन के अहम हिस्सों का निर्माण किया था। स्टेशन के इस साल तक तैयार हो जाने की उम्मीद है। अंतरिक्ष स्टेशन का मुख्य मॉड्यूल अप्रैल 2021 में प्रक्षेपित किया गया था। इसके तैयार हो जाने के बाद चीन एकमात्र ऐसा देश बन जाएगा, जिसका अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा। रूस का अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) कई देशों की एक सहयोगी परियोजना है। चीन अंतरिक्ष स्टेशन (सीएसएस) को रूस के आईएसएस का प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि आगामी वर्षों में आईएसएस के काम करना बंद कर देने के बाद सीएसएस कक्षा में मौजूद एकमात्र अंतरिक्ष स्टेशन बन सकता है।