जातिगत टिप्पणी करने के मामले में हरियाणा के हिसार जिले में युवराज सिंह को गिरफ्तारी के बाद जमानत मिल गई है। अधिवक्ता रजत कलसन ने हांसी थाना शहर में एससी एसटी एक्ट के तहत FIR दर्ज करवाने के बाद लंबा संघर्ष किया। हाईकोर्ट के आदेशों पर युवराज सिंह को औपचारिक जमानत पर छोड़ा गया है।
क्या है पूरा मामला? : 2019 में क्रिकेट को अलविदा कहने वाले युवराज सिंह के ऊपर यह आफत पहली बार पिछले साल आई थी। तब भी सोशल मीडिया पर उनका जमकर विरोध हुआ था। ट्विटर पर #युवराजसिंहमाफी_मांगो ट्रेंड करने लगा था। दरअसल, पिछले साल लॉकडाउन के दौरान युजवेंद्र चहल टिकटॉक पर अपने डांस के वीडियो अपलोड करते थे। उसी पर इंस्टाग्राम में रोहित शर्मा के साथ बातचीत करते हुए युवराज सिंह ने अभद्र टिप्पणी की थी। यह कमेंट जातिसूचक था।
सोशल मीडिया पर मांगी थी माफी : मामले को तुल पकड़ता देख कुछ दिन बाद युवराज ने दुनिया के सामने अपनी गलती स्वीकारी थी। सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर खेद जताया था। माफी मांगते हुए युवी ने लिखा था, ‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने कभी भी जाति, रंग, वर्ण और लिंग को लेकर किसी भी प्रकार की असमानता में भरोसा नहीं किया है। मैंने अपना जीवन लोगों की भलाई में दिया है और आज भी यह जारी है। मैं बिना किसी अपवाद के हर व्यक्तिगत जिंदगी के गौरव और सम्मान में विश्वास करता हूं।’
‘मेरी बात का गलत अर्थ निकाला गया’ : टीम इंडिया के लिए 304 वनडे, 58 T20I और 40 टेस्ट खेल चुके युवी ने आगे लिखा था, ‘मैं समझता हूं जब मैं अपने दोस्त से बात कर रहा था, मेरी बात को गलत अर्थ में समझा गया, जो निराधार है। हालांकि एक जिम्मेदार भारतीय होने के नाते मैं यह कहना चाहता हूं कि अगर मैंने किसी को गैर-इरादतन किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, मैं इस पर खेद व्यक्त करता हूं।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘भारत और इसके लोगों के लिए मेरा प्यार हमेशा रहेगा।’
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