अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद से काबुल में स्थितियां बिगड़ना शुरू हुईं और रविवार को तालिबान देश की राजधानी में घुस गया। राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद लड़ाकों ने राष्ट्रपति महल पर कब्जा कर लिया। इसके बाद सोमवार को कई भयावह तस्वीरें सामने आईं जिसमें हजारों अफगान देश से भागने के लिए चलते हवाई जहाज पर लटकते हुए नजर आए। दुनिया के कई देशों में प्रदर्शन हो रहे हैं और अफगान अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ मार्च कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारतीय समयानुसार सोमवार देर रात अफगानिस्तान मुद्दे पर अमेरिका को संबोधित किया। अपने संबोधन में बाइडन ने अपने फैसले का बचाव किया और अफगान सेना पर जमकर बरसे।
बाइडन ने कहा कि अमेरिकी सेना ऐसे युद्ध में न लड़ सकती है और न मर सकती है जिसमें अफगान सेनाएं लड़ने और मरने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘हम करीब 20 साल पहले स्पष्ट लक्ष्यों के साथ अफगानिस्तान गए थे। 11 सितंबर 2001 को हम पर हमला करने वालों को पकड़ना और यह सुनिश्चित करना कि अल कायदा अफगानिस्तान को अपने बेस के रूप में इस्तेमाल न करे ताकि हम पर दोबारा हमला न किया जा सके।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा मिशन कभी भी राष्ट्र निर्माण नहीं होना चाहिए था।
आलोचना स्वीकार करने के लिए तैयार : उन्होंने कहा कि जो घटनाएं हम देख रहे हैं, वे दुखद हैं और इस बात का सबूत हैं कि अमेरिकी सैन्य बल की कोई भी मात्रा कभी भी एक स्थिर, एकजुट, सुरक्षित अफगानिस्तान नहीं दे पाएगी। अभी जो हो रहा है वह पांच साल पहले या 15 साल बाद आसानी से हो सकता है। बाइडन ने कहा, ‘मुझे पता है कि अफगानिस्तान पर मेरे फैसले की आलोचना की जाएगी लेकिन मैं इस जिम्मेदारी को एक और राष्ट्रपति को सौंपने के बजाय सारी आलोचना को स्वीकार करना चाहूंगा।’
अफगानिस्तान में चला सकते हैं अभियान : उन्होंने कहा कि यह फैसला हमारे लोगों, हमारे देश के लिए अपनी जान को जोखिम में डालने वाले सैनिकों और अमेरिका के लिए सही है। राष्ट्रपति बोले, ‘आज आतंकवादी खतरा अफगानिस्तान के बाहर भी फैल गया है। हम कई देशों में आतंकवादी समूहों के खिलाफ प्रभावी आतंकवाद विरोधी अभियान चलाते हैं जहां हमारी स्थायी सैन्य उपस्थिति नहीं है। अगर जरूरी हुई तो हम अफगानिस्तान में भी ऐसा ही करेंगे।’
तैनात किए 6000 अमेरिकी सैनिक : जो बाइडन ने कहा, ‘हमारा वर्तमान सैन्य मिशन हमारे लोगों और सहयोगियों को जल्द से जल्द और सुरक्षित रूप से निकालना है। एक बार हम इस मिशन को पूरा कर लेंगे तो हम अपनी सैन्य वापसी को खत्म कर देंगे। फिर अमेरिका का सबसे लंबा युद्ध खत्म हो जाएगा।’ उन्होंने कहा कि 6000 अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान में तैनात करने के लिए अधिकृत किया गया है ताकि अफगानिस्तान से अमेरिकी और मित्र देशों के असैन्य कर्मियों को निकालने में मदद की जा सके और हमारे अफगान सहयोगियों और कमजोर अफगानों को देश के बाहर निकाला जा सके।