उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। लंबे वक्त से बीमार कल्याण सिंह लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) में भर्ती थे। 1992 के विवादित ढांचा विध्वंस कांड के वक्त वह यूपी के सीएम थे और उन नेताओं में से एक थे जिन्हें राम मंदिर निर्माण के लिए सबसे मुखर आवाजों में से एक माना जाता था।
2020 में राम मंदिर के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद कल्याण सिंह ने इसपर खुशी जाहिर की थी। 88 वर्ष की आयु में कल्याण ने कहा था कि उनकी इच्छा है कि वह अयोध्या में बनने जा रहे भगवान राम के मंदिर में दर्शन कर अपने प्राण त्यागें। हालांकि, उनकी यह इच्छा नहीं पूरी हो पाई। भगवान राम के मंदिर बनने को लेकर कल्याण सिंह ने कहा कि ये उन लोगों को समर्पित है, जिनके संघर्ष के बल पर राम मंदिर का आंदोलन आज इस मुकाम पर पहुंचा है। कल्याण ने उत्साह में यह भी कहा था कि वह राम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम के एक दिन पहले ही अयोध्या पहुंच जाएंगे।
जब विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद छोड़ दिया पद : कल्याण सिंह 1991 में यूपी के सीएम बने थे, जिसके बाद 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस की घटना हुई थी। इस दौरान कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी लेते हुए कल्याण सिंह ने कहा था कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश नहीं देंगे। यह बात उन्होंने एक ऐसी पृष्ठभूमि पर कही थी, जिसमें एक बार कारसेवकों पर फायरिंग हो चुकी थी और सूबे में उस वक्त मुलायम सिंह यादव की सरकार थी। 1992 में विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद कल्याण ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था।