अफगानिस्तान पर कब्जा कर चुके तालिबानियों के राज से दिन ब दिन दिल दहला देने वाली खबरें आती रहती हैं। हालांकि तालिबानी शासक दावा करते हैं कि लोगों के अधिकारों को सुरक्षित रखा जाएगा जबकि हकीकत इसके काफी उलट है। इन सबके बीच संयुक्त राष्ट्र (UN) की मानवीय मामलों की एजेंसी के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने तालिबान के नेता मुल्ला बरादर से मुलाकात की है। काबुल के विदेश मंत्रालय में हुई इस मुलाकात के दौरान मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र अफगानिस्तान के साथ अपना समर्थन और सहयोग जारी रखेगा।
यूएन अफगानिस्तान की सहायता जारी रखेगा : मानवीय मामलों और आपातकालीन राहत समन्वयक के लिए संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स ने मुल्ला बरादर से मुलाकात के बाद ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- ‘मैंने अफगानिस्तान में लाखों जरूरतमंद लोगों को निष्पक्ष मानवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए तालिबान के नेतृत्व से मुलाकात की।’
3 दिवसीय दौरे पर अफगानिस्तान पहुंचे रेड क्रॉस के प्रमुख : रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति (ICRC) के प्रमुख पीटर मौरर अफगानिस्तान की 3 दिवसीय यात्रा पर पहुंच गए हैं। रविवार को अफगानिस्तान पहुंचने के बाद पीटर की योजना चिकित्सा सुविधाओं और हिंसा के शिकार लोगों के लिए बनाए गए पुनर्वास केंद्रों का दौरा करने की है। इसके अलावा वह आईसीआरसी के कर्मचारियों से मुलाकात भी करेंगे। आईसीआरसी प्रमुख अफगानिस्तान के स्थानीय अधिकारियों के साथ मुलाकात भी करेंगे।
आई थीं मुल्ला बरादर के घायल होने की खबरें : हालांकि रविवार को हक्कानी नेटवर्क के नेता अनस हक्कानी और खलील हक्कानी की तालिबान के नेता मुल्ला बरादर और मुल्ला याकूब के साथ झड़प की खबरें आई थीं। अब रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस झगड़े के दौरान हक्कानी गुट की ओर से चली गोली में बरादर घायल हो गया है। बताया जा रहा है कि हक्कानी नेटवर्क सरकार में बड़ी हिस्सेदारी और रक्षा मंत्री का पद मांग रहा है, जबकि तालिबान इतना कुछ देने को तैयार नहीं है। हालांकि, दोनों ही दावों की पुष्टि नहीं की जा सकी है।
तालिबान ने कुछ विमानों को उड़ान से रोका : अफगानिस्तान से सैकड़ों लोगों को दूसरे देशों में ले जाने का प्रयास कर रहे कम से कम चार निजी विमानों को उड़ान भरने से तालिबान ने रोक दिया। इन विमानों को उड़ान से रोकने के संबंध में विरोधाभासी खबरें आयी हैं। अमेरिका पर भी अफगानिस्तान से निकलने के इच्छुक लोगों की मदद के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है। अफगानिस्तान के उत्तरी हिस्से में स्थित शहर मजार-ए-शरीफ के हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि उड़ान भरने के इच्छुक लोग अफगान नागरिक थे और उनमें से कई के पास वीजा या पासपोर्ट नहीं थे जिसके कारण उन्हें देश छोड़ने से रोक दिया गया।