यूक्रेन पर पैसों की बारिश, G-7 देश 19.8 अरब डॉलर तो अमेरिका 40 अरब डॉलर की देगा आर्थिक मदद
रूस के खिलाफ 86 दिनों से युद्ध लड़ रहे यूक्रेन को दुनियाभर से आर्थिक मदद मिल रही है। अब दुनिया के शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं वाले देश के समूह जी-7 ने यूक्रेन को 19.8 अरब डॉलर की मदद का ऐलान किया है। जर्मनी के वित्त मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि विश्व की सात प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं और वैश्विक वित्तीय संस्थान यूक्रेन को 19.8 अरब डॉलर की सहायता मुहैया करा रहे हैं। क्रिश्चियन लिंडर ने संवाददातओं से कहा कि कुल धन का 9.5 अरब डॉलर इस हफ्ते जी-7 के वित्त मंत्रियों की बैठक में जुटाया गया।
जी-7 ने कहा- यूक्रेन को मजबूत करना है लक्ष्य : उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य है कि रूस के आक्रमण से खुद का बचाव करने में यूक्रेन की वित्तीय स्थिति, उसकी क्षमता को प्रभावित नहीं करे। ब्लूमबर्ग टेलीविजन को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि रूस के आक्रमण का विरोध करने वाले यूक्रेनवासी न केवल अपना बचाव कर रहे हैं, बल्कि वे हमारे मूल्यों की रक्षा कर रहे हैं।
पर्याप्त आर्थिक मदद देने का किया ऐलान : वहीं, अमेरिकी वित्त विभाग के एक प्रतिनिधि ने जर्मनी में जी-7 के वित्त मंत्रियों की बैठक में आवंटित की जाने वाली राशि की पुष्टि करने से इनकार कर दिया, और जर्मन वित्त मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कुछ भी बताने से मना कर दिया। अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन और अन्य नेताओं ने यूक्रेन को रूसी आक्रमण से निपटने में मदद के लिए पर्याप्त अतिरिक्त सहायता देने की आवश्यकता जताई थी।
अमेरिका ने यूक्रेन समेत सहयोगी देशों को 40 अरब डॉलर का ऐलान किया : उधर, अमेरिकी संसद ने यूक्रेन और अमेरिका के अन्य सहयोगी देशों को 40 अरब डॉलर की सैन्य, आर्थिक व खाद्य सहायता देने संबंधी प्रस्ताव को गुरुवार को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बीच कीव को सबसे बड़ी मदद देने की प्रतिबद्धता पर अमेरिकी संसद के दोनों सदनों की मुहर लग गई। अमेरिकी संसद में यह प्रस्ताव 11 के मुकाबले 86 मतों से पारित हो गया। डेमोक्रेटिक पार्टी के सभी, जबकि रिपब्लिकन पार्टी के ज्यादातर सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
यूक्रेन को मदद पर डेमोक्रेट और रिपल्किन पार्टी एकजुट : राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन में जहां संसद में दोनों पार्टियों के बीच मतभेद के चलते कई प्रस्ताव गिर गए, वहीं गुरुवार को यूक्रेन की मदद संबंधी प्रस्ताव का भारी अंतर से पारित होना इस बात का संकेत था कि डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सांसद रूसी आक्रमण से निपटने में कीव को मदद भेजने के मामले में काफी हद तक एकजुट हैं।