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BJP के लिए क्यों सबसे खास सीएम बने योगी आदित्यनाथ? एक तीर से बीजेपी ने किए कई शिकार


केंद्र में दूसरी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद इस महीने पहली बार बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक हुई। यह कार्यकारिणी बैठक ऐसे वक्त में हुई, जब 29 विधानसभा सीट और 3 लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को मनमाफिक सफलता नहीं मिल पाई। बीजेपी के लिए यह झटका माना गया, क्योंकि अगले साल की शुरुआत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश भी शामिल है, जिसके बारे में कहा जाता है कि केंद्र में सरकार बनाने का रास्ता यूपी से होकर जाता है।
सीएम योगी ने पढ़ा राजनीतिक प्रस्ताव : इससे पहले जब बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी हुई थी, तब पार्टी के सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने राजनीतिक प्रस्ताव पढ़ा था। पर इसके लिए योगी को ही क्यों चुना? इस सवाल पर केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो कहा, वह कई सवालों के जवाब दे जाता है। सीतारमण ने कहा कि योगी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और सबसे बड़े राज्य यूपी के सीएम हैं। कोविड के दौरान उन्होंने अच्छा काम किया। यानी बीजेपी ने इसके जरिए एक तीर से दो निशाने लगाए हैं।
और बढ़ने की ललक : पहला तो यही कि बीजेपी ने यूपी चुनाव से पहले यूनाइटेड फेस दिखाने की कोशिश की है। कुछ महीने पहले तक ही ये चर्चाएं गरम थीं कि योगी की केंद्रीय नेताओं से ज्यादा बन नहीं रही है। यहां तक कहा जा रहा था कि योगी दिल्ली के नेताओं की सुन नहीं रहे हैं। पार्टी के कई सीनियर नेताओं ने ताबड़तोड़ यूपी के दौरे भी किए और वहां पार्टी नेताओं और विधायकों की मीटिंग ली। सिर्फ चर्चा ही नहीं बल्कि कई नेताओं के ऐसे बयान भी आए जिनसे लगा कि यूपी में योगी के खिलाफ गुटबाजी होने लगी है। लेकिन बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में योगी को खास तवज्जो देकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। चुनाव से पहले यह बीजेपी की एक तरह से मजबूरी भी है।
बाकी सीएम एक तरफ, योगी एक तरफ : योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व के एक बड़े चेहरे के तौर पर उभरे हैं। बीजेपी के अलावा हिंदू युवा वाहिनी की वजह से उनका अपना एक अलग जनाधार भी है। बीजेपी का दूसरा निशाना कोविड की दूसरी लहर के दौरान लगे आरोपों पर है। दूसरी लहर में यूपी सरकार पर मिसमैनेजमेंट के आरोप लगे। पार्टी के कई नेताओं ने भी खुले तौर पर सवाल उठाए। अब चुनाव से पहले बीजेपी ने योगी को बाकी सभी सीएम से ज्यादा तवज्जो देते हुए योगी के कोविड मैनेजमेंट की तारीफ कर आरोपों का जवाब देने का भी काम किया है।
चुनाव जीतने की ललक : राजनीति में उतरे नेता भले ही यह कहते हैं कि वह जनसेवा के लिए राजनीति में आए हैं लेकिन सचाई यही है कि हर राजनीतिक दल जीतने के लिए चुनाव लड़ता है। बीजेपी ने जिस तेजी से अपनी जगह बनाई, उसके पीछे बीजेपी की चुनाव जीतने की ललक ही नहीं है, बल्कि हर जीत के बाद दोगुनी तेजी से आगे की जीत के लिए काम करने और योजना बनाने की रणनीति भी है। बीजेपी कभी भी एक चुनाव जीत लेने के बाद आराम नहीं करती, वह दूसरे चुनाव की तैयारियों में जुट जाती है।
पार्टी का अभी पीक नहीं आया है- नड्डा : राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अमित शाह को कोट करते हुए कहा कि पार्टी का अभी पीक नहीं आया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं के लिए कई टारगेट सेट किए। इनमें बूथ स्तर पर कमिटी बनाने से लेकर पन्ना प्रमुख बनाने तक के टारगेट हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यकर्ताओं, पार्टी पदाधिकारियों या फिर सांसदों के साथ संवाद में यह जरूर कहते हैं कि किस तरह उन्हें लोगों से कनेक्ट होना है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे जनता और पार्टी के बीच पुल का काम करें।
नैशनल ही नहीं, ग्लोबल टारगेट : कोरोना की पहली लहर में बीजेपी कार्यकर्ता जिस तरह से लोगों की मदद करते नजर आ रहे थे, वैसा दूसरी लहर में नहीं हुआ। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बीजेपी देर से एक्टिव हुई। बाद की कई मीटिंगों में पीएम मोदी की तरफ से सांसदों, नेताओं को कहा गया कि वे लोगों से मिलें, इस तरह लोगों से संबंध रखें कि कोई भी दिक्कत होने पर समाधान के लिए लोगों को सीधे उन्हीं का नाम सूझे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जिस तरह चर्चाएं हुईं, उससे यह भी साफ हुआ कि बीजेपी को लग रहा है किसान आंदोलन उसके लिए चुनाव में कोई बड़ा सिरदर्द नहीं बनने जा रहा। बीजेपी का अजेंडा बिल्कुल साफ है और वह उसी अजेंडे पर चलते हुए चुनाव में उतर रही है। मोदी सरकार के अब तक के कामों की लिस्ट तो हर विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए एक हथियार है ही। पार्टी आगामी चुनाव में भी इसका भरपूर इस्तेमाल करेगी।
100 करोड़ वैक्सीनेशन का जिक्र : राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 100 करोड़ वैक्सीन का बार-बार जिक्र किया गया। कोविड की वैक्सीन लगाने का जिस तरह से कार्यक्रम चल रहा है और भारत ने 100 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाने का आंकड़ा पार किया है, उसे बीजेपी हर मंच पर भुना रही है। बीजेपी इसके जरिए पीएम नरेंद्र मोदी को सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर ही बड़ा नेता नहीं दिखा रही बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसका मैसेज दे रही है। बीजेपी की एक खास बात यह है कि वह किसी भी काम को बिना नोटिस दिए जाने नहीं देना चाहती। यह किसी भी राजनीतिक दल की एक बड़ी खूबी कही जा सकती है। बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के जरिए भी मोदी सरकार के कामों को गिनाया और उनका प्रचार किया। बीजेपी के हर मोर्चे की, चाहे वह महिला मोर्चा हो, अल्पसंख्यक मोर्चा हो या कोई दूसरा मोर्चा, हर मोर्चे ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की जो मीटिंगें की हैं उनमें भी राजनीतिक प्रस्ताव में मोदी सरकार के सभी कामों की लिस्ट दी गई और उन कामों के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया गया।कक

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