सेंचुरियन में भारतीय टीम ने ऐतिहासिक जीत हासिल करके 2021 की शानदार विदाई और 2022 के शानदार स्वागत की इबारत लिख दी। यह जीत इसलिए भी खास हो गई थीं क्योंकि भारतीय टीम का दक्षिण अफ्रीका में अभी तक कोई खास प्रदर्शन नहीं रहा था, यह इससे भी साबित होता है 2007 में वसीम जाफर के बाद के एल राहुल ने 14 साल बाद शतक लगाया। सेंचुरियन में भी यह भारतीय टीम की पहली ही जीत है।
यदि सही विश्लेषण किया जाय तो राहुल व मयंक की पारियों के अलावा गेंदबाजों की शानदार व धारदार गेंदबाजी से पहली पारी में भारतीय टीम को 130 रन की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल हो गई थी। दूसरी पारी में भारतीय टीम कुछ खास नहीं कर सकी थी परंतु पहली पारी की बढ़त सहित 303 रन का टारगेट मुश्किल नहीं तो आसान भी नहीं था। हालंकि एल्गर ने भरसक कोशिश की लेकिन बड़ी साझेदारी नहीं कर सके। क्विंटन डिकॉक 21 और बवूमा 35* की छोटी पारियां हार टालने के लिए पर्याप्त नहीं थीं।
लेकिन यदि भारतीय टीम के जीत के खास पहलू देखें तो पहली पारी में राहुल का शतक, मयंक के साथ शानदार ओपनिंग, टीम का पहली पारी में 100 से ज्यादा ओवर बैटिंग करना और फिर गेंदबाज़ी डिपार्टमेंट में शमी की अगुवाई में सिराज, बुमराह व शार्दुल ने तेज गेंदबाजी में अफ्रीका के दोनों पारियों में 18 विकेट चटकाना, भारतीय टीम की जीत के खास पहलू थे।
हाल के दिनों में भारतीय टीम के मिडिल ऑर्डर का भरभराकर ढह जाना चिन्ता का सबब बना है। अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में न बदलपाना भारतीय टीम की कमजोरी बनती जा रही है। कोहली भले फ्लॉप हो रहे है मगर उन पर ज्यादा दबाव बनाने की जरुरत नहीं है एग्रेसिव प्लेयर को अपने हाल पर छोड़ कर जीत की चर्चा की जाए तो के एल राहुल भले ही इस टेस्ट में मैन ऑफ द मैच चुने गए हैं मगर सही मायने में भारत के लिए यह मैच गेंदबाज़ो ने जीता है। अगले मैच में पुजारा की जगह श्रेयस अय्यर को लेने से टीम की बेटिंग में मजबूती आ जाएगी। जीतने वाली टीम में और किसी परिवर्तन का कोई सवाल ही नहीं है। आप सभी के लिए नया साल सुख समृद्धि लेकर आए, सभी स्वस्थ व प्रसन्न रहें सभी को 2022 के आगमन की शुभ कामनाएं।
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