24.7 C
Madhya Pradesh
November 23, 2024
Pradesh Samwad
उत्तर प्रदेशप्रदेशमध्य प्रदेश

12वीं के मार्क्स आपकी तकदीर तय नहीं करते, जिंदगी की जंग लड़ रहे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की अपने स्कूल को लिखी चिट्ठी पढ़िए

तमिलनाडु में बुधवार को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने शौर्यचक्र से सम्मानित होने के बाद अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को सितंबर में एक चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में छात्रों से कहा था कि ‘औसत दर्जे का होना ठीक होता है।’ ग्रुप कैप्टन सिंह अभी बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हरियाणा के चंडीमंदिर में स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य को लिखे पत्र में ग्रुप कैप्टन सिंह ने कहा था औसत दर्जे का होना ठीक बात है। स्कूल में हर कोई उत्कृष्ट नहीं होता और सभी 90 प्रतिशत अंक नहीं ला पाते। अगर आप ऐसा कर पाते हैं तो यह एक उपलब्धि है उसकी सराहना होनी चाहिए।
अपने मन की सुनिए, काम के प्रति समर्पित रहिए : पत्र में लिखा था कि लेकिन आप ऐसा नहीं कर पाते तो यह मत सोचिये कि आप औसत दर्जे का होने के लिए बने हैं। आप स्कूल में औसत दर्जे के हो सकते हैं लेकिन इसका कतई मतलब नहीं है कि जीवन में आने वाली चीजें भी ऐसी ही होंगी। उन्होंने लिखा था कि अपने मन की आवाज सुनिए। यह कला हो सकती है, संगीत हो सकता है, ग्राफिक डिजाइन, साहित्य इत्यादि। आप जो भी काम कीजिये उसके प्रति समर्पित रहिये, अपना सर्वोत्तम दीजिये। कभी यह सोचकर सोने मत जाइये कि आपने कम प्रयास किया।
एयरप्लेन और एविएशन का पैशन था : अपने बारे में चिट्ठी में ग्रुप कैप्टन लिखते हैं कि मैं बहुत ही औसत छात्र था जो मुश्किल से 12वीं क्लास में फर्स्ट डिविजन हासिल किया था। इसके बावजूद मैंने 12वीं क्लास में अपने अनुशासन में किसी भी तरह की कमी नहीं आने दी। मैं खेल और अन्य को-करिकुलर एक्टिविटीज में भी एवरेज था। लेकिन मुझमें एयरप्लेन और एविशन को लेकर पैशन था। मैंने दो बार एयरोनॉटिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया क्विज में अपने स्कूल का प्रतिनिधित्व किया। हम लोग उस प्रतियोगिता में एक बाद सेकंड और एक बार थर्ड पोजिशन पर आए थे।
तेजस की भीषण दुर्घटना टाली…शौर्य चक्र से सम्मानित : पत्र में उन्होंने जिक्र किया था कि पिछले साल वह एक तेजस विमान उड़ा रहे थे, जिसमें एक बड़ी तकनीकी खामी आ गई थी लेकिन उन्होंने अपने साहस और सूझबूझ का परिचय देते हुए उड़ान के बीच एक भीषण दुर्घटना को टाल दिया, जिसके लिए उन्हें अगस्त में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले रहने वाले हैं वरुण सिंह : ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रुद्रपुर तहसील के कन्हौली गांव के रहने वाले हैं। इस समय वरुण सिंह तमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (DSSC) के डायरेक्टिंग स्टाफ हैं। वरुण सिंह के पिता कर्नल केपी सिंह भी सेना से रिटायर्ड हैं। इस समय वरुण सिंह बेंगलुरू के मिलिट्री अस्पताल में इलाज चल रहा है।

Related posts

मध्य प्रदेश के सभी छह बाघ अभयारण्य एक अक्टूबर से पर्यटकों के लिए खुलेंगे

Pradesh Samwad Team

‘गोमांस खाने में कोई खराबी नहीं, सावरकर ने कहा था’, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर साधा निशाना

Pradesh Samwad Team

कैरियर कॉलेज के कंप्यूटर विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया

Pradesh Samwad Team