संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान ने रविवार को गैर-मुस्लिमों के लिए एक नया फरमान जारी किया। नए आदेश के अनुसार गैर-मुस्लिमों को अबू धाबी में नागरिक कानून के तहत अब शादी, तलाक और ज्वाइंट चाइल्ड कस्टडी हासिल करने की अनुमति होगी। यह कानून यूएई की व्यवस्था में हालिया बड़ा बदलाव है, जहां अन्य खाड़ी देशों की तरह शादी और तलाक से संबंधित कानून इस्लामी शरिया पर आधारित थे।
माना जा रहा है कि यूएई ने क्षेत्र ‘कमर्शियल हब’ के रूप में बढ़त बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है। आदेश में कहा गया है कि कानून में सिविल मैरिज, तलाक, गुजारा भत्ता, ज्वाइंट चाइल्ड कस्टडी और पितृत्व का प्रमाण और विरासत शामिल है। खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक गैर-मुस्लिम पारिवारिक मामलों को संभालने के लिए अबू धाबी में एक नई अदालत की स्थापना की जाएगी। यह अदालत अंग्रेजी और अरबी दोनों में काम करेगी।
तलाक को लेकर नए कानून में क्या? : रिपोर्ट के मुताबिक नए कानून में 20 आर्टिकल्स शामिल हैं। कानून पति और पत्नी दोनों की इच्छा के आधार पर नागरिक विवाह का कॉन्सेप्ट पेश करता है। इसका मतलब है कि महिला के परिवार से सहमति की आवश्यकता नहीं होगी। नया कानून पति-पत्नी को तलाक का अधिकार देता है। इसके लिए उन्हें यह साबित नहीं करना होगा कि शादी से उनका क्या नुकसान हुआ, जिसकी अनुमति पहले नहीं थी। तलाक के लिए पति या पत्नी में से कोई भी आवेदन कर सकता है।
समान रूप से साझा होगी बच्चे की कस्टडी : नए कानून के अनुसार गैर-मुस्लिम जोड़ों के बीच तलाक को अब फैमिली गाइडेंस डिपार्टमेंट में भेजने की जरूरत नहीं होगी। और पहली सुनवाई पर ही उन्हें तलाक दिया जा सकता है। अलग होने वाले जोड़ों को अब अनिवार्य ‘सुलह सत्रों’ से गुजरने की जरूरत नहीं होगी। पत्नी के गुजारा भत्ता या वित्तीय अधिकार कई मानदंडों पर आधारित होंगे। कानून के तहत, बच्चों की कस्टडी माता-पिता के बीच समान रूप से साझा की जाएगी ताकि बच्चे के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सके और बच्चे पर तलाक के प्रभाव को कम किया जा सके।