23.9 C
Madhya Pradesh
November 22, 2024
Pradesh Samwad
देश विदेश

हमारे उपराष्ट्रपति अरुणाचल जाएं तो चीन को क्या तकलीफ है? भारत ने आपत्ति पर खूब सुनाया

भारत के उपराष्ट्रपति देश के ही एक प्रदेश का दौरा करें तो भला पड़ोसी चीन को आपत्ति क्यों? चीन बार-बार इस तरह की हरकतें करता रहता है। भारत की भूमि पर ही नहीं, आस पड़ोस के कई देशों के साथ उसका विवाद चल रहा है। भारत ने एक बार फिर चीन की आपत्ति को खारिज करते हुए उसे खूब सुनाया।
इस तरह की आपत्ति का कोई कारण नहीं : भारत ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने हाल में अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था। चीन की तरफ से आपत्ति आई तो भारत ने बुधवार को इसे सिरे से खारिज किया। भारत ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का ‘अटूट और अभिन्न’ हिस्सा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारतीय नेताओं द्वारा भारत के किसी राज्य की यात्रा पर आपत्ति करने का कोई कारण नहीं है।
बागची ने कहा, ‘हमने चीन के आधिकारिक प्रवक्ता की टिप्पणी को आज देखा है। हम ऐसे बयानों को खारिज करते हैं । अरुणाचल प्रदेश भारत का अटूट और अभिन्न हिस्सा है।’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हाल ही में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर चीन के विदेश मंत्रालय की आपत्ति के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही ।
जैसे दूसरे राज्यों में जाते हैं वैसे ही अरुणाचल में : बागची ने साफ कहा, ‘भारतीय नेता नियमित रूप से अरुणाचल प्रदेश की यात्रा करते हैं जिस प्रकार वे भारत के अन्य राज्यों में जाते हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत के एक राज्य की भारतीय नेताओं द्वारा यात्रा पर आपत्ति करने का कोई कारण भारतीयों को समझ नहीं आ रहा ।
ड्रैगन की मंशा : चीन, अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है और वहां भारतीय नेताओं की यात्रा पर आपत्ति व्यक्त करता है।
चीनी मंसूबे नाकाम करने पर अड़ा भारत, किस तरह सत्ता में आने के बाद से शी चिनफिंग कर रहे नाजायज विस्तार
अभी पूर्वी लद्दाख में नहीं सुलझा पूरा विवाद : दोनों पक्षों के बीच बयानों का ताजा आदान प्रदान पूर्वी लद्दाख गतिरोध को लेकर 13वें दौर की सैन्य स्तर की वार्ता के तीन दिन बाद सामने आया है।
बागची ने कहा, ‘जैसा कि हमने पहले कहा है कि भारत चीन सीमा पर पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वर्तमान स्थिति चीन द्वारा द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन करते हुए एकतरफा ढंग से यथास्थिति बदलने के प्रयास करने के कारण उत्पन्न हुई है।’
सरकार पूर्वी लद्दाख को अक्सर पश्चिमी सेक्टर कह कर संबोधित करती है। बागची ने कहा, ‘इसलिये हम चीनी पक्ष से उम्मीद करते हैं कि वह असंबद्ध मुद्दों को जोड़ने की बजाए द्विपक्षीय समझौतों एवं प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन करते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शेष मुद्दों के जल्द समाधान के लिए काम करेगा।’
13वें दौर की सैन्य स्तर की वार्ता के बाद भारतीय सेना ने कहा कि उसके रचनात्मक सुझावों पर न तो चीनी पक्ष सहमत हुई और न ही वह कोई प्रगतिशील सुझाव दे पाई। वहीं, चीन के पश्चिमी थियेटर कमान ने कहा कि भारत अव्यवहारिक और अवास्तविक मांग पर जोर दे रहा है।

Related posts

10 प्रशांत राष्ट्रों के साथ नए समझौते करने में विफल रहा चीन, नहीं चली ड्रैगन की चाल

Pradesh Samwad Team

आखिर क्यों टेस्ला के 6 अरब डॉलर के शेयर बेचने की बात कर रहे हैं एलन मस्क, वजह दिलचस्प है!

Pradesh Samwad Team

अब तस्वीरों पर भड़का मुस्लिम समुदाय, मस्जिद के बाहर बिकनी और हिजाब में रूसी मॉडल का फोटोशूट

Pradesh Samwad Team