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November 22, 2024
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पंजशीर में अमरुल्‍ला सालेह के घर पर पाकिस्‍तानी बमबारी, तालिबानी हमले में अहमद मसूद के प्रवक्‍ता की मौत


अफगानिस्‍तान के पंजशीर घाटी में तालिबान के खूनी हमले में मदद के लिए पाकिस्‍तानी सेना के बमबारी और ड्रोन हमले की खबरें आ रही हैं। बताया जा रहा है कि पाकिस्‍तान ने अपने सबसे बड़े दुश्‍मन अमरुल्‍ला सालेह के घर को फाइटर जेट और ड्रोन से निशाना बनाया है। इस बीच तालिबानी हमले में पंजशीर घाटी के विद्रोही नेता अहमद मसूद के प्रवक्‍ता और पत्रकार फहीम दश्‍ती की मौत हो गई है। इस बीच मसूद ने कहा है कि वह तालिबान के साथ बातचीत के लिए हिंसा को रोकने के लिए तैयार हैं।
अफगान मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्‍तानी हेल‍िकॉप्‍टर और ड्रोन विमान लगातार पंजशीर घाटी में तालिबान की मदद के लिए बमबारी कर रहे हैं। इस दौरान अमरुल्‍ला सालेह के घर को निशाना बनाया गया है। बताया जा रहा है कि पाकिस्‍तानी हमले के बाद अमरुल्‍ला सालेह पंजशीर के पहाड़ों में कहीं सुरक्षित स्‍थान पर चले गए हैं। यह पाकिस्‍तानी हमला ऐसे समय पर हुआ है जब पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ जनरल फैज इन दिनों काबुल के दौरे पर हैं।
दश्‍ती के मारे जाने से अहमद मसूद को बड़ा झटका : उधर, तालिबानी के भीषण हमले में अहमद मसूद के प्रवक्‍ता फहीम दश्‍ती मारे गए हैं। दश्‍ती के मारे जाने से अहमद मसूद को बड़ा झटका लगा है। बताया जा रहा है कि रविवार को भीषण लड़ाई के दौरान फहीम की मौत हो गई। नैशनल रेजिस्‍टेंस फ्रंट ने एक बयान जारी करके फहीम के मारे जाने की पुष्टि की है। यही नहीं पंजशीर के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के भतीजे जनरल साहिब अब्‍दुल वदूद झोर की भी मौत हो गई है। दश्‍ती जमात-ए-इस्‍लामी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता थे।
इस बीच अहमद मसूद ने तालिबान को पूरे विवाद के शांतिपूर्ण समाधान का प्रस्‍ताव दिया है। उन्‍होंने कहा कि वह धार्मिक विद्वानों के बातचीत के प्रस्‍ताव का स्‍वागत करते हैं। उनका यह प्रस्‍ताव ऐसे समय पर आया है जब पंजशीर घाटी के हर जिले तक तालिबानी पहुंच गए हैं और दोनों ही ओर से भीषण जंग जारी है। बताया जा रहा है कि तालिबान ने पंजशीर को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है और पाकिस्‍तानी इसमें उसमें मदद कर रहे हैं।
तालिबान के साथ जंग में अहमद मसूद को भारी नुकसान : अहमद मसूद ने तालिबान से सीजफायर का आह्वान किया है। बताया जा रहा है कि तालिबान के साथ जंग में अहमद मसूद को भारी नुकसान पहुंचा है और वह सुरक्षित स्‍थान पर चले गए हैं। मसूद पक्ष ने कहा है कि तालिबान पंजशीर घाटी से वापस जाए, इसके बदले में वे भी अपनी सैन्‍य कार्रवाई को बंद कर देंगे। मसूद ने अपने फेसबुक पोस्‍ट में लिखा कि इसके बाद दोनों ही पक्षों के धार्मिक विद्वानों की उलेमा काउंसिल की बैठक को बुलाया जाए।

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