बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक मामले में फैसला दिया है कि बिना यौन मकसद के किसी नाबालिग के गालों को छूना पॉक्सो ऐक्ट के तहत अपराध नहीं माना जा सकता। इसके बाद कोर्ट ने शुक्रवार को 46 वर्षीय चिकन विक्रेता को बेल दे दी। वह पिछले 13 महीनों से जेल की सजा काट रहा था।
कोर्ट ने कहा कि सबूतों के आधार पर पहली नजर में ऐसा नहीं लगता कि आरोपी ने नाबालिग के गाल किसी यौन इरादे से छुए थे। इसलिए इन बातों के मद्देनजर आरोपी को बेल दी जाती है। हालांकि, अदालत ने यह भी साफ किया कि उसकी यह राय केवल जमानत के उद्देश्य के लिए है। यह किसी भी तरह से केस की दूसरी कार्यवाही को प्रभावित नहीं करेगा।
आरोपी को जुलाई 2020 में आठ साल की लड़की की मां की शिकायत के बाद अरेस्ट किया था। मां का आरोप था कि जब उनकी लड़की आरोपी की दुकान में गई तो उसने बच्ची को गलत तरह से छुआ था।
ट्रायल कोर्ट ने आरोपी की बेल याचिकाओं को ठुकरा दिया था। आरोपी के वकील का तर्क था कि आरोपी के साथ व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता के चलते उसे झूठे मुकदमे में फंसाया गया है। बेल देने के मामले में वकील का कहना था कि उनका मुवक्किल के पास रोजगार है, समाज में पहचान और परिवार के पालन की जिम्मेदारी है। इसलिए उसके फरार होने या सुनवाई से गैरहाजिर होने की आशंका नहीं है।