अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति को लेकर तीखी आलोचना का सामना कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने फिर सफाई दी है। अपने नागरिकों और सहयोगियों को बाहर निकालने में हो रही दिक्कतों के बारे में उन्होंने कहा कि हमने काबुल एयरपोर्ट को सुरक्षित बनाया है। उन्होंने अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया। इस समय अफगानिस्तान में 6000 से ज्यादा अमेरिकी सैनिक तैनात हैं।
सभी को सुरक्षित रूप से बाहर निकालेंगे : वाइड हाउस में बाइडन ने कहा कि हमने काबुल हवाईअड्डे को सुरक्षित किया है जिससे न केवल सैन्य उड़ानें बल्कि अन्य देशों के नागरिक चार्टर और नागरिकों और कमजोर अफगानियों को बाहर निकालने वाले गैर सरकारी संगठनों को फिर से शुरू करने के लिए उड़ानें सक्षम हो रही हैं। उन्होंने अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकी नागरिकों से वादा किया कि हम आपको सुरक्षित रूप से बाहर निकालेंगे।
अबतक 18 हजार लोगों को निकाला “उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार काबुल हवाई अड्डे के माध्यम से अमेरिकियों और अन्य विदेशियों और कमजोर अफगानों को तालिबान के हाथों से बचाने के लिए एक बड़े पैमाने पर एयरलिफ्ट ऑपरेशन चला रही है। उन्होंने बताया कि हमने जुलाई से लेकर अबतक 18000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला है। 14 अगस्त को हमारी सैन्य एयरलिफ्ट शुरू होने के बाद हम लगभग 13000 लोगों को निकाल चुके हैं।
अफगानिस्तान में 6 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात : अमेरिकी राष्ट्रपति ने सफाई देते हुए कहा कि इस समय अफगान धरती पर हमारे 6000 जवान तैनात हैं। ये जवान काबुल एयरपोर्ट के रनवे को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। काबुल हवाई अड्डे के आसपास माउंटेन डिवीजन के मरीन कमांडो नागरिकों को फ्लाइट पकड़ने में सहायता प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह इतिहास के सबसे बड़े और सबसे कठिन एयरलिफ्टों में से एक है।
तालिबान की बदरी 313 बटालियन अत्याधुनिक अमेरिकी हथियारों से लैस है जिसे माना जा रहा है कि उन्होंने अफगान सेना से छीना है। ये कमांडो M-4 राइफल का इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि अन्य तालिबानी लड़ाके एके-47 के साथ नजर आते हैं। तालिबानी फाइटर जहां पगड़ी पहनकर युद्ध कर रहे हैं वहीं बदरी बटालियन के कमांडो हेल्मेट और काला चश्मा पहने दिख रहे हैं। बदरी बटालियन के कमांडो ने सलवार कमीज की जगह पर वर्दी पहन रखी है। इन तालिबानियों ने लड़ाई में इस्तेमाल किए जाने वाले जूते पहन रखे हैं। इन्हें देखकर कोई नहीं अनुमान लगा पा रहा है कि ये तालिबानी हैं या किसी देश की सेना के कमांडो। अब ये तालिबानी काबुल की सड़कों पर गश्त लगा रहे हैं। अफगान मीडिया के मुताबिक इन बदरी कमांडो को सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिहाज से तैनात किया गया है। बताया जा रहा है कि तालिबान का ‘राष्ट्रपति’ मुल्ला बरादर और अन्य नेता काबुल में रहेंगे और उनकी सुरक्षा का जिम्मा अब बदरी बटालियन के हाथों में रहेगा। इसी वजह से बदरी बटालियन को अब तैनात किया गया है। मुल्ला बरादर और अन्य तालिबानी नेताओं पर हमले का खतरा मंडरा रहा है।
डेली मेल के मुताबिक तालिबान की कमांडो यूनिट का नाम बद्र की लड़ाई के नाम पर पड़ा है जिसका जिक्र मुसलमानों की पवित्र पुस्तक कुरान में किया गया है। इस बद्र के युद्ध में पैगंबर मोहम्मद साहब ने 1400 साल पहले मात्र 313 लड़ाकुओं की मदद से अपने शत्रु की सेना को हरा दिया था। इंडिया टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक किसी अन्य स्पेशल फोर्सेस के कमांडो यूनिट की तरह से बद्री बटालियन को तालिबान के अज्ञात ठिकाने पर लड़ाई की तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया है। माना जा रहा है कि इस प्रशिक्षण में पाकिस्तानी सेना ने तालिबान की मदद की है। ये कमांडो शहरी इलाके जंग में माहिर लग रहे हैं जबकि अन्य तालिबानी लड़ाके पहाड़ी और गुरिल्ला युद्ध में माहिर हैं। तालिबान ने जब इस बटालियन के बारे में पहली बार जानकारी साझा की थी तब कहा गया था कि तालिबानी यह संदेश दे रहे हैं कि वे आधुनिक सैन्य सुविधाओं से लैस हैं। तालिबानी आतंकियों की दृढ़ता के बारे में सभी को पता है लेकिन अत्याधुनिक उपकरणों की कमी उन्हें अमेरिका और नाटो सेनाओं से पीछे ढकेलता था।
बद्री 313 बटालियन की नाइट विजन डिवाइस की मदद से अब तालिबानी आतंकी रात में छापामार हमला करने और हमले का मुकाबला करने में सक्षम हो गए हैं। अफगानिस्तान में युद्ध लड़ चुके पाकिस्तानी जैद हामिद कहते हैं कि ऐसा लग रहा है कि तालिबानी एक कदम आगे बढ़ गए हैं। हामिद ने कहा, ‘जब मैं अफगान मुजाहिद्दीन का हिस्सा था तब हमने सोवियत संघ को उन्हीं के हथियारों की मदद से मात दे दी थी। हमने उसे या तो सोवियत सेना से छीना था या हमें सहयोगियों ने दिया था। उन्होंने कहा कि तालिबानी एक कदम और आगे बढ़ गए हैं और उन्होंने अमेरिकी और अफगान सेना से ये हथियार छीने हैं। चरवाहों की सेना से अब तालिबानी काफी आगे निकल चुके हैं। पाकिस्तानी विशेषज्ञों का कहना है कि तालिबान अब किसानों का समूह नहीं रहा बल्कि एक पेशेवर पैरामिलिट्री फोर्स बन चुका है। एक विशेषज्ञ ने तो यहां तक कह दिया कि बद्री 313 बटालियन के सदस्य पाकिस्तानी जवानों से ज्यादा घातक हथियारों से लैस हैं। भारतीय विशेषज्ञ मेजर जनरल जीजी द्विवेदी कहते हैं कि तालिबान को धर्म से प्रेरणा मिलती है और उनके हथियारों को देखकर आश्चर्य नहीं होता है। यह पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा है।
31 अगस्त तक पूर्ण वापसी का लक्ष्य : अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की अमेरिका की 31 अगस्त की समय सीमा से पहले हज़ार लोगों को अभी निकाला जाना बाकी है। हालांकि अब इस अभियान में तेजी आयी है । एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि लगभग 250 अमेरिकियों सहित लगभग 5,700 लोगों को 16 सी-17 परिवहन विमानों से काबुल से बाहर निकाला गया। पिछले दो दिनों में, लगभग 2,000 लोगों को बाहर निकाला गया है।
दिल दहला देने वाला रहा पिछला हफ्ता-बाइडेन : बाइडन ने पिछले सप्ताह को “दिल दहला देने वाला” बताया, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका प्रशासन लोगों की निकासी को सुचारू और गति देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि हम में से कोई भी इन तस्वीरों को देख सकता है और मानवीय स्तर पर उस दर्द को महसूस नहीं कर सकता है।”
बाइडन ने कहा, “लेकिन अब मैं इस काम को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं।”अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि काबुल हवाई अड्डे पर निकासी उड़ानें शुक्रवार को कई घंटों के लिए रुकी हुई थीं। हालांकि, दोपहर बाद फिर से उड़ानें फिर से शुरू करने का आदेश दिया गया।
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अगले कुछ घंटों में काबुल से तीन उड़ानें बहरीन जा रही हैं और शायद 1,500 लोगों को ले जाने की उम्मीद है। वाशिंगटन में, कई सांसदों ने बाइडन प्रशासन से काबुल हवाई अड्डे के बाहर सुरक्षा घेरे का विस्तार करने का आह्वान किया ताकि अधिक से अधिक लोग उड़ान के लिए हवाई अड्डे तक पहुंच सकें।