पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ की हालत गंभीर है और अब उनके ठीक होने के चांस खत्म हो गए हैं। मुशर्रफ की अंतिम इच्छा है कि उनका अंतिम समय पाकिस्तान में गुजरे। परवेज मुशर्रफ के परिवार ने गुहार लगाई है कि उन्हें पाकिस्तान आने की अनुमति दी जाए। इस बीच मुशर्रफ के सबसे बड़े राजनीतिक दुश्मन और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बड़ा दिल दिखाते हुए कहा है कि उन्हें पूर्व तानाशाह से कोई निजी दुश्मनी नहीं है। उन्होंने मुशर्रफ के पाकिस्तान लौटने की अनुमति देने का आह्वान किया। इस बीच सेना ने भी ऐलान कर दिया है कि मुशर्रफ की अंतिम इच्छा को देखते हुए पाकिस्तान लाया जाएगा।
परवेज मुशर्रफ (79) अभी संयुक्त अरब अमीरात के दुबई शहर में हैं। लंदन में मौजूद नवाज शरीफ ने ट्वीट करके कहा, ‘मेरी मुशर्रफ से कोई निजी दुश्मनी या कटुता नहीं है। मैं नहीं चाहता हूं कि किसी को उस दर्द को सहना पड़े जिससे मुझे अपने अजीज लोगों के लिए गुजरना पड़ा है।’ मुशर्रफ की तरह से नवाज शरीफ को कई साल तक निर्वासन में जीवन गुजारना पड़ा है। नवाज शरीफ और मुशर्रफ के बीच रिश्ते उस समय तल्ख हो गए थे जब साल 1999 में नवाज शरीफ पीएम थे और तत्कालीन आर्मी चीफ मुशर्रफ ने उनकी सरकार को उखाड़ फेका था।
पाकिस्तानी सेना ने मुशर्रफ के परिवार से संपर्क किया : मुशर्रफ के परिवार के मुताबिक अब वह इस हालत में पहुंच चुके हैं कि उनका इलाज हो पाना संभव नहीं है। इस बीच पाकिस्तानी सेना ने भी कहा है कि मुशर्रफ का परिवार उनकी वापसी को लेकर सेना के साथ संपर्क में है। उन्होंने कहा कि मुशर्रफ के पाकिस्तान लौटने का फैसला उनके परिवार और डॉक्टरों को लेना है। उन्होंने कहा कि सेना और उसके नेतृत्व का मानना है कि मुशर्रफ को वापस आने देना चाहिए।
सेना के प्रवक्ता ने कहा कि हमने मुशर्रफ के परिवार से संपर्क किया है। जब परिवार वाले जवाब दे देंगे तो हम इसके लिए जरूरी इंतजाम कर देंगे। इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाज आसिफ ने भी कहा था कि वह मुशर्रफ को पाकिस्तान आने देने के समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि मुशर्रफ के पाकिस्तान आने देने में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए।