ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अविश्वास प्रस्ताव जीत गए हैं। यह अविश्वास प्रस्ताव उन्हीं की सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी ने पेश किया था। इस दौरान हुए मतदान में बोरिस जॉनसन के समर्थन में 211 और विपक्ष में 148 वोट मिले। ऐसे में 63 वोटों से उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव जीत लिया है। अगर इस दौरान बोरिस जॉनसन हार जाते तो उन्हें प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ जाता। जॉनसन कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान सरकारी इमारतों में नियमों के उल्लंघन सहित कई मामलों को लेकर महीनों से निशाने पर हैं।
58 फीसदी सांसदों ने किया बोरिस का समर्थन : अविश्वास प्रस्ताव में जीत का मतलब है कि 58.6% कंजर्वेटिव सांसदों ने पीएम बोरिस जॉनसन का समर्थन किया। हालांकि, उन्हें ब्रिटेन की पूर्व पीएम थेरेसा मे की तुलना में कम सांसदों का समर्थन प्राप्त हुआ। 2018 में थेरेसा मे के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में ब्रिटेन के 63 फीसदी सांसदों ने समर्थन किया था। बोरिस जॉनसन का कार्यकाल अगले छह महीनों में खत्म हो रहा है। ऐसे में जीत के बावजूद वह सिर्फ दिसंबर तक ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहेंगे।
पार्टीगेट मामले में पहले ही माफी मांग चुके हैं जॉनसन : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन लॉकडाउन के दौरान एक गैर कानूनी पार्टी में शामिल होने के लिए अप्रैल में ही माफी मांग चुके हैं। उन्होंने तहेदिल से माफी मांगते हुए कहा था कि उन्होंने जानबूझ कर नियमों को नहीं तोड़ा या संसद को गुमराह नहीं किया था। बोरिस जॉनसन ने निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में सांसदों से कहा था कि मुझे ऐसा नहीं लगा कि जन्मदिन के लिए केक के साथ लोगों का एकत्रित होना कोई पार्टी थी।
जून 2020 में लॉकडाउन के दौरान हुई थी पार्टी : पिछले सप्ताह जॉनसन पर जून 2020 में 10 डाउनिंग स्ट्रीट में अपने जन्मदिन पर आयोजित पार्टी में शामिल होने के लिए 50 पाउंड का जुर्माना लगाया गया था। इससे वह ऐसे पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बन गए हैं जिन्हें पद पर रहते हुए नियम तोड़ने को दोषी पाया गया है। पुलिस सरकारी भवन में हुईं अन्य कई पार्टियों का भी पता लगा रही है जिनमें कथित तौर पर जॉनसन शामिल हुए थे। ईस्टर के उपलक्ष्य में 11 दिन की छुट्टी के बाद जॉनसन ने सांसदों से माफी मांगी।