पाकिस्तान में लगातार बिगड़ते सियासी हालात के बीच सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Pakistan Petrol Diesel Price) में बड़ा इजाफा किया है। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में 30 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी का ऐलान गुरुवार को किया गया। यही नहीं ये मूल्यवृद्धि आधी रात से लागू भी हो गयी। इसके बाद राजधानी इस्लामाबाद में पेट्रोल का रेट (Petrol Rate Hike in Pakistan) 179.85 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है। वहीं डीजल 174.15 रुपये प्रति लीटर और केरोसिन 155.95 रुपये प्रति लीटर में मिलेगा।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने किया कीमतों में इजाफे का ऐलान : पाकिस्तान में पहले से महंगाई से हाहाकार है, अब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उछाल के बाद दैनिक चीजों के दामों में बड़ा असर देखने को मिल सकता है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफे का ऐलान किया। उन्होंने ये भी कहा कि नई कीमतें गुरुवार आधी रात से लागू हो जाएंगी। इसी के साथ आज से पाकिस्तान के लोगों को बढ़े हुए दाम पेट्रोल-डीजल और केरोसीन मिल रहा है। एक दिन पहले कतर में पाकिस्तान सरकार और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बीच आर्थिक सहायता को लेकर हुई बातचीत बेनतीजा रही थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया।
इसलिए बढ़ाई गई पेट्रोल-डीजल की कीमतें : इस बीच विदेशी बैंकों ने पाकिस्तान की रिफाइनरियों को तेल आयात के लिए व्यापार ऋण (ट्रेड क्रेडिट) देना बंद कर दिया है। वहीं कुछ आपूर्तिकर्ता देश में राजनीतिक गतिरोध के चलते संभावित समस्याओं से बचने के लिए अग्रिम भुगतान की मांग कर रहे हैं। द न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी बैंकों ने कहा है कि राजनीतिक रूप से तनावग्रस्त पाकिस्तान को आने वाले दिनों में ईंधन की कमी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बैंकों ने ‘हाई कंट्री रिस्क’ अलर्ट का हवाला देते हुए तेल आयात आदेशों के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट (LC) की पुष्टि करने से इनकार कर दिया है।
सरकार और IMF से बातचीत नहीं बनने से बिगड़े हालात : वैश्विक बाजार से कच्चे तेल के आयात के लिए स्थानीय बैंकों की ओर से लेटर ऑफ क्रेडिट दिए जाते हैं। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बैंक, निर्यातक को गारंटी प्रदान करने के लिए स्थानीय भागीदारों के इन लेटर ऑफ क्रेडिट की पुष्टि करते हैं। गारंटी के तहत अगर कोई पाकिस्तानी बैंक किसी निर्यातक को पैसे देने में चूक करता है, तो उसका अंतरराष्ट्रीय समकक्ष इन पैसों का भुगतान करता है।
तेल क्षेत्र के एक सूत्र ने द न्यूज को बताया कि राजनीतिक अशांति ने अंतरराष्ट्रीय बैंकों की नजर में देश के जोखिम को बढ़ा दिया है। वे अब एलसी की पुष्टि करने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ पाकिस्तान की बातचीत में गतिरोध ने भी स्थिति को जटिल बना दिया है। जिसके बाद अब सरकार के ताजा फैसले से देश में पेट्रोल-डीजल के कीमतों में भारी उछाल आया है।