पाकिस्तान की सियासत में आज का दिन बेहद अहम होने जा रहा है। सत्ता से बाहर हुए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान आज ‘पाकिस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा जुलूस’ निकालने जा रहे हैं। इमरान की रणनीति लाखों लोगों की भीड़ लेकर किसी भी कीमत पर राजधानी इस्लामाबाद को घेरने की है ताकि शहबाज शरीफ सरकार को आम चुनाव में उतरने के लिए बाध्य किया जा सके। पीटीआई नेता ने जनरल बाजवा की सेना को भी इस पूरे जुलूस के दौरान ‘तटस्थ’ बने रहने की चेतावनी दी है। वहीं शहबाज शरीफ सरकार ने कहा कि इमरान खान पाकिस्तान में गृहयुद्ध कराना चाहते हैं। सरकार ने इस्लामाबाद की सुरक्षा को पाकिस्तानी सेना के हवाले कर दिया है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने मंगलवार को पाकिस्तान सरकार के इस्लामाबाद की ओर लंबे मार्च को रोकने के फैसले के बावजूद पार्टी के ‘आजादी मार्च’ को जारी रखने की योजना बनाई है। खान ने पेशावर में कहा कि वह बुधवार को ‘पाकिस्तान के इतिहास में सबसे बड़े जुलूस’ का नेतृत्व करेंगे। पीटीआई अध्यक्ष का भाषण पीटीआई के सदस्यों और नेताओं के खिलाफ देशव्यापी पुलिस कार्रवाई के बाद आया है। एक छापे के दौरान एक पुलिसकर्मी की भी जान चली गई, जिसके बाद सरकार ने कहा कि वह बुधवार को पीटीआई को लंबे मार्च के साथ आगे नहीं बढ़ने देगी।
डर की जंजीरों को तोड़ें पीटीआई समर्थक: इमरान : खान ने पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह शरीफ परिवार को वही रणनीति अपनाते हुए देख रहे हैं जैसी 1985 से सैन्य तानाशाहों ने अपनाई थी। उन्होंने कहा, ‘सत्ता छोड़ते ही उन्हें लोकतंत्र की याद आती है।’ जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि क्या पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी और जेयूआई-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के इस्लामाबाद की ओर मार्च करने पर पीटीआई सरकार ने कोई गिरफ्तारी की थी। पीटीआई नेता ने पाकिस्तान की न्यायपालिका का आह्वान करते हुए कहा कि अगर अदालतों ने देश में जो कुछ हो रहा है, उसे अनुमति दी तो अदालतों की प्रतिष्ठा धूमिल होगी और इसकी चुप्पी साबित करेगी कि देश में कोई लोकतंत्र नहीं है।
इमरान ने कहा, ‘हम प्रत्येक अधिकारी और नौकरशाह के नाम नोट कर रहे हैं। नौकरशाही को हमारा संदेश है कि अगर वे अवैध आदेशों का पालन करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’ पीटीआई अध्यक्ष ने अपने समर्थकों से कहा कि वे ‘डर की जंजीरों को तोड़ें’ और उदाहरण के तौर पर देखें कि अफगानों ने विदेशी शक्तियों से कैसे लड़ाई की। खान ने कहा कि सरकार ऐसे लोगों को जेल में नहीं डाल सकती, जो उनके समर्थन में इस्लामाबाद जाने को तैयार हैं।
इमरान खान बनाम सेना की तैयारी में शहबाज सरकार : इमरान खान ने सेना को चेताते हुए कहा कि ‘न्यूट्रल’ लोग सही चीजें करें। दरअसल, इस पूरे विवाद में पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि वह न्यूट्रल है और अब इमरान जबरन शहबाज शरीफ सरकार को उखाड़ फेकना चाहते हैं। इमरान को रोकने के लिए सरकार ने सेना की तैनाती कर दी है और अब सीधे इमरान बनाम सेना की जंग होने का खतरा पैदा हो गया है। यही वजह है कि इमरान चाहते हैं कि सेना इस पूरे मामले से दूर रहे ताकि वे शहबाज सरकार को घुटनों पर ला दें। इस बीच पाकिस्तान के गृहमंत्री राना सनाउल्ला ने कहा है कि सरकार इमरान खान को इस्लामाबाद में घुसने नहीं देगी। उन्होंने आरोप लगाया कि जुलूस के नाम पर इमरान खान देश में गृहयुद्ध शुरू करना चाहते हैं।