अफगानिस्तान में कहर बरपा रहे तालिबान ने सेना के हाथों से एक और प्रांतीय राजधानी को छीन लिया है। एक दिन पहले ही तालिबान ने दक्षिणी निरमोज प्रांत की राजधानी जरांज पर कब्जा जमाया था। अफगान मीडिया ने बताया है कि तालिबान के लड़ाके जावजान प्रांत की राजधानी शेबेरगन में घुस चुके हैं। उन्होंने शेबेरगन के सरकारी जेल पर धावा बोलते हुए सभी कैदियों को रिहा कर दिया है।
राजधानी पर तालिबान का पूर्ण कब्जा नहीं: सरकार : स्थानीय अफगान सांसद मोहम्मद करीम जावजानी ने बताया कि प्रांत के 10 मे से नौ जिलों पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान के लड़ाके राजधानी शेबेरगन में घुसे। अफगान सरकार ने भी सांसद के दावे से इनकार नहीं किया है। हालांकि, सरकार ने यह जरूर कहा कि तालिबान का शेबेरगन पर पूरी तरह से कब्जा नहीं हुआ है। अफगानिस्तान के 34 प्रांतो की कई अन्य राजधानियां भी खतरे में बताई जा रहीं हैं।
जरांज पर भी तालिबान का कब्जा : तालिबान ने शुक्रवार को दक्षिण-पश्चिमी नीमरोज प्रांत की राजधानी जारांज पर कब्जा कर लिया था और सरकार का कहना है कि वह राजधानी के अंदर आतंकवादियों से अब भी लड़ रही है। तालिबान ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यह शुरुआत है और देखें कि अन्य प्रांत बहुत जल्द हमारे हाथ में कैसे आते हैं। तालिबान के एक कमांडर ने कहा कि जरांज का सामरिक महत्व बहुत ज्यादा है, क्योंकि इसकी सीमा ईरान के साथ सटी हुई है।
सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है शेबेरगन : शेबेरगन सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अमेरिकी गठबंधन के समर्थन वाले उज्बेक लड़ाकू राशिद दोस्तम का गढ़ है, जिसकी मिलिशिया का गठन अफगानिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं सुरक्षा बलों के सहयोग के लिए किया गया है। शेबेरगन के निवासियों ने भारी हवाई हमले की सूचना दी और उनका कहना है कि तालिबान ने नगर के जेल से कैदियों को मुक्त कर दिया है। उन्होंने नाम उजागर नहीं करने का आग्रह किया क्योंकि उन्हें दोनों पक्षों से खतरा हो सकता है।
निमरोज के पुलिस प्रवक्ता से सरकार पर फोड़ा ठीकरा : दक्षिणी निमरोज प्रांत के एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि राजधानी जरांज सरकार की ओर से सुदृढीकरण की कमी के कारण कट्टर इस्लामवादियों के हाथों में आ गई है। बताया जा रहा है कि फरवरी 2020 में तालिबान के साथ अमेरिका के समझौते के बाद जरंज पहली ऐसी प्रांतीय राजधानी है, जिसपर से सरकार का नियंत्रण खत्म हो चुका है। अफगान के लड़ाकों ने हेरात और कंधार प्रांत के राजधानियों को भी घेरा हुआ है।