इस बात में कोई दोराय नहीं है कि रिश्ते बहुत नाजुक होते हैं और कुछ गलतफहमियां सारी प्रॉब्लम्स की जड़ हो सकती हैं। कई बार आप अनजाने में अपने पार्टनर को हर्ट कर देते हैं और आपको इस बात का एहसास नहीं होता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शब्दों में बहुत शक्ति होती है और उसका प्रभाव आपके साथी पर अच्छा और बुरा पड़ सकता है। एक रिश्ते में ओके, फाइन और गुड जैसे शब्द नकारात्मक लगते हैं। जैसे आप अपने पार्टनर से कभी कह देते हैं आई एम फाइन या आई एम ओके, ये धीरे-धीरे आपके रिश्ते को खत्म कर सकता है। चलिए समझते हैं कि कैसे ऐसे शब्द आपके रिश्ते को प्रभावित कर सकते हैं। (फोटोज साभार – इंडिया टाइम्स)
बात करने की नहीं रहती गुंजाइश : जब आप ओके, फाइन और गुड जैसे शब्द कहते हैं, तब आप अपने पार्टनर से बात करने की गुंजाइश को खत्म कर रहे होते हैं। ये सामान्य से दिखने वाले शब्द आपके साथी को आपसे बात करने के लिए तुरंत रोक देते हैं। ऐसे में आपकी और उनकी बात होने से रह जाती है। जब लंबे समय तक आप इस तरह के शब्दों का प्रयोग करते हैं, तो हेल्दी टॉक न होने के कारण आपके बीच कम्यूनिकेशन गैप आने लगता है और रिश्ता आपके हाथों से छूटने लगता है।
’मैं ठीक हूं’ कहना बढ़ा सकता है गलतफहमियां : जब आपका पार्टनर अक्सर आपके पूछने पर यही कहता हो कि मैं ठीक हूं, तो जाहिर है कि वह ठीक नहीं है। ऐसे में वह अपनी कोई परेशानी आपसे छिपा रहे हैं। हालांकि अपनी भावनाओं को शेयर न करना आपके रिश्ते के लिए बिल्कुल भी हेल्दी नहीं है। अगर आप अपने साथी से नाराज हैं या गुस्सा हैं, तो उन्हें बताएं, लेकिन सीधे ठीक है कहना आपके और उनके बीच में दूरी पैदा कर सकता है। अपने पार्टनर से फीलिंग्स को शेयर करना जरूरी है, क्योंकि जब तक आप साझा नहीं करेंगे तब तक गलतफहमियों को दूर नहीं कर पाएंगे।
बैड कम्यूनिकेशन स्किल है ये : एक रिश्ते में बातचीत का होना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। जब आप अपने पार्टनर से ठीक हूं, फाइन हूं जैसे शब्द बोलते हैं, तब आप अपने रिश्ते में बैड कम्यूनिकेशन की शुरुआत कर रहे हैं। एक तरफ जहां आपका साथी आपसे बात करना चाहता है, वहीं दूसरी तरफ आप उसे इस तरह के जवाब देते हैं, जैसे आपको उनसे बात करने में कोई दिलचस्पी न हो। आपकी ऐसी आदत को साथी एक दो तीन बार तो इग्नोर कर सकता है, लेकिन हर बार नहीं और ऐसे ही रिश्ता खराब होता चला जाता है।