मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि युवाओं में साहस और देश-भक्ति की भावना प्रबल करने के लिए उन्हें देश की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की अनुभव यात्रा कराने के उद्देश्य से “माँ तुझे प्रणाम योजना” शुरू की गई थी, जो कोविड के कारण स्थगित रही। प्रदेश की लाड़ली लक्ष्मियों को पंजाब के वाघा और हुसैनीवाला बार्डर भेजकर योजना का आज पुन: शुभारंभ किया जा रहा है। बेटियों के चरण पड़ने से शुरू हो रही यह यात्रा प्रदेश के युवाओं में आत्म-विश्वास बढ़ाने और देश के लिए समर्पण का भाव जागृत करने वाली सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान रवींद्र भवन भोपाल से योजना का पुन: शुभारंभ कर लाड़ली लक्ष्मी बेटियों को संबोधित कर रहे थे। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, अपर मुख्य सचिव महिला-बाल विकास श्री अशोक कुमार शाह, प्रमुख सचिव खेल एवं युवक कल्याण श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी, संचालक खेल एवं युवा कल्याण श्री रवि कुमार गुप्ता, भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्र गीत वंदे-मातरम के साथ हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योजना में पंजाब के वाघा और हुसैनीवाला बार्डर जा रही 178 लाड़ली लक्ष्मियों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दल प्रभारियों को सीमा पर तैनात वीर जवानों को भेंट किये जाने वाले राष्ट्रीय ध्वज तथा स्मृति-चिन्ह सौंपे।
8 मई को हर गाँव और शहर में मनाया जाएगा लाड़ली लक्ष्मी दिवस : मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में 2007 से आरंभ हुई लाड़ली लक्ष्मी योजना से अब तक 43 लाख बेटियों लाभान्वित हुई हैं। लाड़ली लक्ष्मियों का भविष्य बेहतर हो, वे हर क्षेत्र में सक्रिय रहें और अपने लक्ष्य प्राप्त करें, इसके लिए आवश्यक सहायता और मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा व्यवस्थाएँ की गई हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लाड़ली लक्ष्मियों को प्रेरित करते हुए कहा कि लाड़ली लक्ष्मी का अर्थ है- “बड़ा लक्ष्य तय करना, आत्म-विश्वास से भरे रहना और जो निश्चय किया है उस पर दृढ़ रहना।” मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भावुक होते हुए कहा कि “आज मेरी बेटियाँ इतनी बड़ी हो गई हैं।” भगवान इन पर कृपा बनाए रखे, आशीर्वाद की वर्षा करे और बेटियाँ देश एवं समाज के विकास तथा प्रगति में योगदान करने में सक्षम बनें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 8 मई को प्रदेश के हर गाँव और शहर में लाड़ली लक्ष्मी दिवस मनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर देश की रक्षा के लिए डटे सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करने, देश की रक्षा करते हुए शहीदों को नमन करने और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की कठिन परिस्थितियों से प्रदेश के युवाओं को रू-ब-रू कराने के उद्देश्य से “माँ तुझे प्रणाम” योजना में अनुभव यात्राएँ की जा रही हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यात्रा में जा रही बेटियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे सैनिकों से उनके अनुभवों, कार्य की चुनौतियों के बारे में बातचीत आवश्य करें। सीमा क्षेत्र की शौर्य से भरी मिट्टी का तिलक करें, मिट्टी अपने साथ लाये और अपने शहर, गाँव, मोहल्ले के लोगों के साथ अपनी यात्रा के अनुभव साझा करते हुए सीमा क्षेत्र की मिट्टी से अपने परिजन और परिचितों का तिलक भी करें।
खेल एवं युवक कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रदेश की बेटियों के सिर्फ मामा नहीं हैं, वे पिता और भाई के रूप में भी बेटियों के संरक्षक की भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा शुरू लाड़ली लक्ष्मी योजना को देश के कई राज्यों द्वारा अपनाया गया। बेटियों को देश की सीमाओं पर अनुभव यात्रा पर भेजने की मुख्यमंत्री श्री चौहान की इस पहल का भी अन्य राज्य अनुसरण करेंगे। मंत्री श्रीमती सिंधिया ने बताया कि यात्रा पर जा रही बेटियाँ जलियांवाला बाग देखेंगी और स्वर्ण मंदिर के भी दर्शन करेंगी। योजना के पुनः प्रारंभ होने पर वाघा बॉर्डर जाने वाली पहली यात्रा में भोपाल संभाग से 20, इंदौर संभाग से 31, ग्वालियर से 15, उज्जैन से 26, नर्मदापुरम से 11, शहडोल से 15, रीवा से 12, चंबल से 9, सागर से 26 और जबलपुर संभाग से 31 लाड़ली लक्ष्मी बेटियाँ शामिल हैं। इनके साथ खेल विभाग के 12 अधिकारी और 6 पुलिस आरक्षक भी यात्रा पर जायेंगे।