भोपाल स्पोर्ट्स एज। भारतीय कयाकिंग एवं कैनोइंग एसोसिएशन (आइकेसीए) की वार्षिक बैठक राजधानी में बुधवार को आयोजित हुई। इसमें आगामी चार वर्षो के लिए सर्वसम्मति से नई कार्यकारिणी चुनी गई। मध्य प्रदेश के प्रशांत कुशवाहा को अध्यक्ष व गुजरात को भगवत सिंह वनार को महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें देशभर के पदाधिकारियों ने भाग लिया। नवनिर्वाचित अध्यक्ष प्रशांत कुशवाहा ने कहा कि कोरोना काल के दौरान खेल गतिविधियां प्रभावित हुई है, लेकिन इसके बावजूद भी एसोसिएशन ने बेहतर काम किया है। देशभर में लगातार आयोजन और कैंप आयोजित किए गए और लगातार किये जा रहै है जिससे खिलाडि़यों को अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। हमारी नई टीम और बेहतर काम करेगी। नवनिर्वाचित सचिव बीएस वनार ने कहा कि नई जिम्मेदारी मिली है, पूरी टीम के साथ इसे अच्छे से निभाने का प्रयास किया जाएगा। वाटर स्पोटर्स को पूरे देश में प्रचार प्रसार किया जाएगा जिससे अधिक से अधिक लोग भागीदारी कर सके। मप्र में कई महेश्वर व नेहलाई जैसे नए स्थान खोजे गए है। वैसे ही पूरे देश में तलाश की जा रही है। उन्होनें कहा कि पहले हम बोट के लिए विदेशों पर निर्भर थे, इसलिए यह अधिक महंगे मिलते थे, लेकिन अब भोपाल में ही एक ग्रुप द्वारा अंतरराष्ट्रीय मापदंड की बोट व अन्य उपकरण का निर्माण किया जा रहा है। इसलिए बोट बहुत कम कीमत में उपलब्ध हो रही है, इसका फायदा खिलाडि़यों को मिल रहा है। भारतीय ओलिंपिक संघ की कार्यकारिणी के सदस्य व पूर्व महासचिव आईकेसीए बी एस कुशवाहा ने कहा कि पहले की तुलना में देश में वाटर स्पोटर्स ने बहुत तरक्की कर ली है। यह सभी के मिलेजुले प्रयास का नतीजा है। उम्मीद है ओलिंपिक, एशियन गेम्स में हमारे देश के खिलाड़ी भाग ले और पदक भी जीते।
नई कार्यकारिणी इस प्रकार है
अध्यक्ष : प्रशांत कुशवाहा (मध्य प्रदेश)।
महासचिव : भगवत सिंह वनार (गुजरात)।
कोषाध्यक्ष : विपिन दास (ओडिशा )
वरिष्ठ उपाध्यक्ष : जोतिन वोइखोम (मणीपुर), डा; पदमा गुलेरिया (हिमाचल प्रदेश)।
उपाध्यक्ष : डा.अरुणमुघम एस (तमिलनाडु), बीना रेगी (केरल), रिटायर्ड मेजर जनरल एमएन देवया (कर्नाटक), सुरेश गुप्ता (उत्तर प्रदेश)
संयुक्त सचिव : दत्ता सदाशिव पाटिल (महाराष्ट्र), महेश पिंपलकर (राजस्थान), प्रशांत सिंह रघुवंशी (छत्तीसगढ़)।
कार्यकारिणी सदस्य: अलिशा होटा कीर (ओडिशा), अनु सैनी (हरियाणा), बलराम नायडु (आंध्र प्रदेश), दीपक सिंह (चंडीगढ़), के माहेश्वर (तेलंगाना), डा सुनील सेन (हिमाचल प्रदेश )