अफगानिस्तान की वर्तमान हालात को लेकर बुलाई गई G7 की बैठक में काबुल से लोगों को निकालने की समयसीमा पर सहमति नहीं बन पाई। अमेरिका ने ऐलान किया है कि वह 31 अगस्त तक अपने सभी सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुला लेगा। वहीं, फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी समेत कई देशों ने इस डेडलाइन को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है। तालिबान ने भी कहा है कि वह 31 अगस्त के बाद अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान में रुकने के लिए एक दिन का भी समय नहीं देगा।
G7 की बैठक में नहीं बनी सहमति : यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने G7 शिखर सम्मेलन के बाद कहा कि हमने फैसला किया कि लोगों की निकासी के लिए काबुल हवाई अड्डे का इस्तेमाल लंबे समय तक किया जाना चाहिए। उन्होंने तालिबान से अनुरोध किया कि वे उन अफगान लोगों को एयरपोर्ट तक जाने की अनुमति दे, जो देश छोड़कर बाहर जाना चाहते हैं। हम सभी सहमत थे कि अफगान लोगों की मदद करना और जितना संभव हो उतना समर्थन प्रदान करना हमारा नैतिक कर्तव्य है।
EU को काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा की चिंता : यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने कहा कि यूरोपीय संघ यूरोपीय नागरिकों और अन्य लोगों की काबुल हवाई अड्डे तक पहुंचने की क्षमता के बारे में चिंतित है। मिशेल ने कहा कि यूरोपीय संघ ने निकासी के प्रयासों को पूरा करने के लिए अमेरिका और अन्य भागीदारों से जब तक आवश्यक हो हवाई अड्डे को सुरक्षित करने का आग्रह किया है।
जर्मनी ने जताई निराशा : जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने वर्चुअल शिखर सम्मेलन खत्म होने के बाद कहा कि G7 देश अफगानिस्तान से विदेशी और अफगान नागरिकों की निकासी को समाप्त करने की अंतिम तिथि पर सहमत होने में विफल रहे। मर्केल ने यह भी घोषणा की कि जर्मनी पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान समेत अन्य पड़ोसियों के साथ अफगान शरणार्थियों को समायोजित करने के लिए काम करने के लिए तैयार है।
ब्रिटिश पीएम ने तालिबान से मांगी गारंटी : ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने G7 बैठक के बाद कहा कि सदस्य देशों ने अफगानिस्तान की स्थिति के संबंध में आगे की संयुक्त कार्रवाई के लिए एक रोडमैप पर सहमति व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि हम तालिबान से 31 अगस्त के बाद सही रास्ते पर चलने की गारंटी मांग रहे हैं। जो बाहर आना चाहते हैं उनके लिए सुरक्षित रास्ता मिले। तालिबान हमें आश्वासन दे कि वह अफगानिस्तान को आतंक के प्रजनन स्थल या नशीले पदार्थों के निर्यात वाले राज्य में नहीं बदलेगा और वहां की लड़कियां 18 साल की उम्र तक शिक्षा प्राप्त कर सकती हैं।
31 अगस्त को वापस होगी अमेरिकी फौज : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी और सहयोगी अफगान नागरिकों की निकासी के लिये तय 31 अगस्त की समयसीमा को नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। बाइडन ने राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ चर्चा के बाद यह फैसला लिया है। समयसीमा खत्म होने के बाद बलों के अफगानिस्तान में रहने पर होने वाले खतरों को भांपते हुए उन्होंने निकासी मिशन को अगले मंगलवार तक पूरा करने का विकल्प चुना है। 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण से बहुत पहले खुद बाइडन ने ही यह समयसीमा तय की थी।