अहमदाबाद में एक ‘ब्रेन-डेड’ मरीज के फेफड़ों को निकालकर बुधवार को दिल्ली ले जाया गया तथा उन्हें एक अन्य मरीज का जीवन बचाने के लिए उसके शरीर में प्रतिरोपित किया गया। यहां अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि उक्त अंगों को हवाई मार्ग और जमीन पर दो ग्रीन कॉरिडोर से ले जाया गया।
अधिकारियों ने कहा कि फेफड़ों को मेरठ के 54 वर्षीय एक व्यक्ति के शरीर में प्रतिरोपित किया गया जो कई वर्षों से ‘क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज’ (सीओपीडी) से पीड़ित है। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण दिल्ली के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन किया गया।
बनाए गए दो ग्रीन कॉरिडोर : अस्पताल के अधिकारियों ने एक बयान में कहा कि अहमदाबाद में सिविल अस्पताल तथा हवाई अड्डे के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया और उसके बाद अंगों को विमान के जरिये लाया गया। इसके बाद यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के बीच एक और ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया गया।
तीन घंटे में 950 किलोमीटर की दूरी तय की गई : बयान में कहा गया, “फेफड़ों को बिना रुके लाया गया और तीन घंटे में 950 किलोमीटर की दूरी तय की गई।” मैक्स हेल्थकेयर के अधिकारियों ने कहा कि शीघ्र प्रतिरोपण के महत्व को देखते हुए सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया गया। इससे आठ घंटे के भीतर फेफड़ों को प्रतिरोपित किया जा सका।
‘ब्रेन डेड’ घोषित कर दिया गया था शख्स : अस्पताल ने कहा कि अहमदाबाद के 44 वर्षीय एक व्यक्ति ने फेफड़े दान किये थे जिसे मस्तिष्क में रक्त जमने से ‘ब्रेन डेड’ घोषित कर दिया गया था।