पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारतीय अदालत की ओर से टेरर फंडिंग के मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को सजा सुनाए जाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को पत्र लिखा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। दिल्ली की एक अदालत ने पिछले हफ्ते यासीन को टेरर फंडिंग के मामले में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘कश्मीर के हालात पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने के पाकिस्तान के प्रयासों के तहत बिलावल की ओर से 31 मई को संयुक्त राष्ट्र प्रमुख को यह पत्र भेजा गया।’ बयान के मुताबिक, पत्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव को मलिक को सजा दिए जाने की परिस्थितियों से अवगत कराया गया है। बिलावल ने पत्र में आरोप लगाया कि मलिक को दोषी ठहराना भारत सरकार की ओर से कश्मीरियों और उनके नेतृत्व को ‘सताने और दमन करने’ की कोशिशों का हिस्सा है।\
बिलावल ने जताई ‘हिरासत में हत्या’ की आशंका : उन्होंने मलिक की ‘हिरासत में हत्या’ की आशंका भी जताई। बिलावल ने गुतारेस से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों के अनुसार जम्मू-कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान में भूमिका निभाने का आग्रह किया। उल्लेखनीय है कि भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू और कश्मीर देश का अभिन्न अंग था, है और हमेशा बना रहेगा। भारत ने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत के खिलाफ दुष्प्रचार को रोकने की भी सलाह दी है।
भारत ने यूएन में पाकिस्तान को दिया करारा जवाब : इससे पहले भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान की खिंचाई की थी। भारत ने कहा था कि पड़ोसी देश इस बात का ‘जीता-जागता उदाहरण’ है कि कैसे कोई राष्ट्र नरसंहार और जातीय सफाये जैसे गंभीर अपराधों पर जवाबदेही से बचता रहता है। भारत ने कहा था कि वह सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों का जवाब देने के लिए ठोस और निर्णायक कदम उठाना जारी रखेगा।