पाकिस्तान के महान तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने कहा है कि उन्होंने राष्ट्रीय टीम के कोच का पद कभी स्थायी तौर पर स्वीकार नहीं किया क्योंकि टीम के नाकाम रहने पर सोशल मीडिया पर कोचों का जिस तरह अपमान किया जाता है, वह बर्दाश्त नहीं कर सकते। अकरम ने इंटरव्यू में कहा कि मैं किसी की बदतमीजी बर्दाश्त नहीं कर सकता। मैं कोई मूर्ख नहीं हूं कि मुझे नजर नहीं आता कि टीम के खराब खेलने पर लोग कैसे कोचों और सीनियर खिलाड़ियों के साथ बदसलूकी करते हैं। मेरे अंदर उतना धैर्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि क्रिकेट प्रेमियों का जुनून उनकी समझ में आता है लेकिन सोशल मीडिया पर इस्तेमाल होने वाली खराब भाषा और अपमान उनकी समझ से परे है। हमें यह समझना चाहिए कि सोशल मीडिया पर हम जो कुछ लिखते हैं, वह बताता है कि हम कैसे हैं। कई बार आप अच्छा प्रदर्शन करते हैं और कई बार हार जाते हैं लेकिन इस तरह की तल्ख प्रतिक्रिया या बदसलूकी दूसरे देशों में नहीं होती। कभी आपने देखा है कि रवि शास्त्री के साथ सोशल मीडिया पर इस तरह का बर्ताव हो। लोगों का सोशल मीडिया पर बर्ताव देखकर मुझे डर लगता है।
अकरम ने कहा कि पाकिस्तान सुपर लीग में कराची किंग्स टीम के साथ उन्हें अधिकांश खिलाड़ियों के साथ काम करने का मौका मिला। ऐसा नहीं है कि मैं खिलाड़ियों से पूरी तरह कटा हुआ हूं। वे मुझे सलाह के लिए फोन करते हैं और मुझे पाकिस्तान क्रिकेट के लिए योगदान देकर अच्छा लगता है ।