ग्रामीण और साधनविहीन बच्चे अंग्रेजी में पिछड़ने के कारण मेडिकल की पढ़ाई का सपना पूरा नहीं कर पाते. लेकिन मध्य प्रदेश में पहली बार हिंदी माध्यम से मेडिकल की पढ़ाई होगी. शिवराज सिंह ने कहा है कि दुनिया का हर देश अपनी भाषा में पढ़ाई करता है तो हम अंग्रेजों के गुलाम क्यों बनें? इसलिए सरकार ने हिंदी में बैचलर ऑफ मेडिसीन और बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS) की पढ़ाई इस बार शुरू करने का फैसला किया है.
पहली बार हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई : हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू होने से पिछड़े और ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को बड़ा फायदा मिलेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने गणतंत्र दिवस पर इंदौर (Indore) में बड़ी घोषणा की था. उन्होंने कहा था कि अब मध्य प्रदेश में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई हिंदी में भी कराई जाएगी. हालांकि उन्होंने ये खुलासा नहीं किया था कि कोर्स की शुरुआत कब से होगी. सीएम शिवराज ने ‘एमबीबीएस पाठ्यक्रम, नर्सिंग और अन्य पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों को हिंदी में शुरू करने पर विचार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन का आश्वासन दिया था.
सीएम शिवराज ने किया बड़ा एलान : मध्य प्रदेश में इस बार पहली बार स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव किया गया है. सीएम शिवराज ने कहा कि क्लास 8 से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई शुरू की जाएगी और 240 घंटों का पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा. गौरतलब है कि शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल का दो साल पूरा होने पर सीएम और मंत्री 25 मार्च से 27 मार्च तक पचमढ़ी में हैं. पचमढ़ी में कैबिनेट की बैठक के साथ चिंतिन शिविर का आयोजन किया गया है.
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