एमपी की पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा है कि उन्हें द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखने की जरूरत नहीं है। उमा का यह बयान फिल्म को लेकर बीजेपी के नजरिये से अलग है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ की और प्रदेश में 25-30 साल तक बीजेपी सरकार बने रहने की भविष्यवाणी भी की। दूसरी ओर उन्होंने प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन पर चुप्पी साध ली और शराबबंदी को लेकर शिवराज सरकार से जवाब भी मांग लिया।
भोपालः मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी अब फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) को लेकर चल रहे विवाद में कूद गई हैं। उन्होंने एक बार फिर बीजेपी से अलग स्टैंड लिया है। एमपी की बीजेपी सरकार ने फिल्म को टैक्स फ्री घोषित किया है। पार्टी नेता लोगों से फिल्म देखने की अपील कर रहे हैं, लेकिन उमा भारती ने कहा है कि उन्हें यह फिल्म देखने की जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं, उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की तारीफ की, लेकिन शराबबंदी पर उनसे जवाब भी मांग लिया।
उमा ने हालांकि पार्टी लाइन से संतुलन बिठाने की कोशिश करते हुए द कश्मीर फाइल्स नहीं देखने का अलग कारण बताया। सोमवार को रावतपुरा सरकार पहुंची उमा ने कहा कि उन्हें 1989 में कश्मीर की जिम्मेदारी पार्टी ने दी थी। वे उस समय अक्सर वहां जाती थीं। वे कश्मीर की सारी हकीकत जानती हैं। उन्होंने कश्मीर की पीड़ा अपनी आंखों से देखी है। इसलिए उन्हें इस फिल्म को देखने की जरूरत नहीं है।
25-30 साल तक बीजेपी सरकार : उमा ने यह भी कहा कि एमपी में अगले 10-15 साल तक बीजेपी की ही सरकार रहेगी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 1952 में पहला चुनाव हुआ था। तब से लेकर 1977 तक कांग्रेस की सरकारें रहीं। इस दौरान संविद सरकार बनी, लेकिन वह ज्यादा दिन नहीं चली। अब यह नई आजादी है। 25-30 साल तक तो बीजेपी की ही सरकार बनेगी।
शिवराज की तारीफ, सरकार से मांगा जवाब : उमा ने कहा कि वे शिवराज सिंह चौहान की सरकार से खुश हैं। उन्होंने सीएम शिवराज (Uma Bharti Praises Shivraj ) की तारीफ की, लेकिन नेतृत्व परिवर्तन के सवाल को टाल गईं। उन्होंने नेतृत्व परिवर्तन की संभावना से इनकार नहीं किया, लेकिन यह भी कहा कि वे ऐसे सवालों के जवाब नहीं देती। इतना ही नहीं, शराबबंदी के मुद्दे पर उन्होंने मुख्यमंत्री से जवाब भी मांग लिया। उमा ने कहा कि वे जिस सभा में जाएंगी, लोगों से शराब नहीं पीने का आग्रह करेंगी। प्रदेश सरकार को भी इस पर जवाब देना ही होगा।
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