मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का विवादित पोस्टर लगने के बाद सियासी बवाल मच गया है. इस पोस्टर में कांग्रेस ने उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की पीठ में छुरा घोंपना दिखाया था. अब इस पोस्टर को लेकर बीजेपी आक्रामक रुख अपना रही है. खास बात ये है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि इस पोस्टर से उनकी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं. जिसने पोस्टर लगाया है उसके खिलाफ जिला कांग्रेस कमेटी कार्रवाई पर विचार करेगी.
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री सिंधिया का पोस्टर ठीक जय विलास महल के सामने लगाया गया है. पोस्टर में सिंधिया को दगा करने वाला बताया गया है. इसमें सिंधिया को कमलनाथ की पीठ में छुरा घोंपते दिखाया गया है. जबकि, दिग्गी-गोविंद सिंह राम-लक्ष्मण के रूप में सिंधिया पर तीर चला रहें हैं, तो हनुमान बने सज्जन सिंह संजीवनी बूटी वाला पहाड़ लेकर उड़ते दिखाए गए हैं. पोस्टर पर सिंधिया के लिए लिखा है-“गद्दारी से नाता है छुरा घोंपना आता है.” वहीं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के लिए लिखा है- “वफादारी से नाता है तीर चलाना आता है.” पोस्टर लगते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद सियासी बवाल मच गया.
दिग्विजय सिंह ने कही ये बात : अब जब मामला उछला तो बीजेपी ने इस पोस्टर को अमर्यादित बताया. बीजेपी ने इसके खिलाफ शिकायत करने की बात कही है. बीजेपी जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी ने कहा कि इस तरह के पोस्टर लगाना ओछी मानसिकता वाली राजनीति है. ये मानहानि वाला कृत्य है. लिहाजा, बीजेपी इसकी शिकायत करेगी. वहीं, कांग्रेस की महा बैठक में आए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने पोस्टर से किनारा कर लिया. पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व सीएम दिग्विजय ने कहा कि कांग्रेस ऐसे पोस्टर नहीं लगाती. जिसने लगाया है उसके खिलाफ जिला कांग्रेस कमेटी कार्रवाई पर विचार करेगी.
सिंधिया को घेरने की तैयारी : गौरतलब है कि साल 2020 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई थी. क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया 22 विधायक मंत्रियों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे. उस वक्त से अभी तक कांग्रेस सिंधिया को घेरने का कोई मौका नहीं चूकती. शनिवार को कांग्रेस के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने महाबैठक की. इसमें सिंधिया को घेरने की रणनीति पर करीब 8 घंटे मंथन किया गया. दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एक महीने के अंदर ही दिग्विजय ग्वालियर चंबल के चार दौरे कर चुके हैं.
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