मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर भयानक रफ्तार से बढ़ रही है। पिछले सात दिनों में ही रोज मिलने वाले नए मामलों की संख्या करीब 800 फीसदी तक बढ़ गई है। दूसरी लहर के मुकाबले इसकी रफ्तार कहीं ज्यादा है। सरकार ने इसीलिए 13 दिन के अंदर दूसरी गाइडलाइन जारी कर पाबंदियां बढ़ाने का फैसला किया। यदि इससे भी हालात नहीं सुधरे तो आने वाले सप्ताहों में वीकेंड या कंप्लीट लॉकडाउन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
तीसरी लहर की शुरुआत में ही इसने जो रफ्तार पकड़ी है, वे बेहद डराने वाले हैं। 29 दिसंबर को पूरे प्रदेश में 72 नए केस मिले थे। चार जनवरी को यह संख्या बढ़कर 594 हो गई। यानी इसमें करीब आठ गुना इजाफा हो गया। पूरे दिसंबर महीने में 904 संक्रमित मरीज मिले थे। जनवरी के चार दिनों में ही 1291 नए केस सामने आ गए। हालत यह है कि औसतन हर घंटे 25 नए मरीज मिल रहे हैं, लेकिन सरकार की असली चिंता आने वाले सप्ताहों को लेकर है।
बुधवार को कोविड समीक्षा बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर 25 से 30 जनवरी के बीच अपने पीक पर रह सकती है। इस दौरान रोजाना 19 से 20 हजार नए केस तक मिल सकते हैं। सरकार इस आशंका के लिए तैयारियों में जुटी है। इसलिए पाबंदियां बढ़ाने का फैसला किया गया है।
सीएम ने कहा कि सरकार अभी सख्त प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है। औद्योगिक गतिविधियां जारी रहेंगी और कार्यालय पूरी क्षमता से खुलेंगे। स्कूल भी अभी की तरह 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलते रहेंगे। शिवराज ने यह भी कहा कि एमपी के लिए खतरा ज्यादा है क्योंकि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे पड़ोसी राज्यों में संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है।
मुख्यमंत्री ने साथ में यह भी स्पष्ट किया कि सरकार स्थिति पर नजर रख रही है। आगे जैसे हालात बनेंगे, उस हिसाब से फैसले लिए जाएंगे। तीसरी लहर को लेकर सरकार पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है और प्रो-एक्टिव होकर फैसले ले रही है। वह किसी भी हालत में स्थितियों को आउट ऑफ कंट्रोल नहीं होने देना चाहती। शिवराज कई बार कह चुके हैं कि लॉकडाउन नहीं लगाना चाहते। इससे लोगों की रोजी-रोजगार पर असर पड़ता है। लेकिन संक्रमण की रफ्तार में कमी नहीं आई तो सरकार को लॉकडाउन का विकल्प आजमाने को मजबूर होना पड़ सकता है।