संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के लोगों के लिए चावल, जीवन रक्षक दवाइयों, दूध पाउडर जैसी जरूरी राहत आपूर्ति लेकर एक भारतीय जहाज रविवार को कोलंबो पहुंचा और इस खेप को वहां की सरकार को सौंप दिया गया। भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने यह खेप श्रीलंका के विदेश मंत्री जी एल पीरीज को सौंपी। इसमें 9000 मीट्रिक टन चावल, 50 मीट्रिक टन दूध पाउडर और 25 मीट्रिक टन से अधिक दवाइयां एवं अन्य चिकित्सा आपूर्ति शामिल हैं।
प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने ट्वीट किया, ‘‘श्रीलंका ने आज भारत से दूध पाउडर, चावल एवं दवाइयों के रूप में दो अरब रूपये की मानवीय सहायता प्राप्त की। इस सहायता के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन एवं भारत के लोगों के प्रति हमारा हार्दिक आभार। मैं श्रीलंका में भारतीयों एवं श्रीलंका में सीडब्ल्यूसी नेता एस थोंडमैन द्वारा प्रदत्त सहायता की भी तारीफ करता हूं।’’
श्रीलंका को मिलेगी और भी सहायता : एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि तमिलनाडु सरकार द्वारा 40,000 मीट्रिक टन चावल, 500 मीट्रिक टन दूध पाउडर और दवाइयों की सहायता के वादे के तहत यह पहली खेप है। श्रीलंका में भारत के उच्चायोग ने ट्वीट किया, ‘‘भारत के लोग श्रीलंका के लोगों के लिए फिक्रमंद हैं। उच्चायुक्त ने आज कोलंबो में माननीय विदेश मंत्री प्रो. जी एल पीरीज को दो अरब रूपये (श्रीलंका की मुद्रा) से अधिक मूल्य का चावल, दूध पाउडर और दवाइयां सौंपी।’’ उच्चायोग ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘भारत से और ऐसी खेप आने वाली हैं।’’
इससे पहले कभी भारत ने नहीं भेजी इतनी बड़ी सहायता : पीरीज ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘भारत ने इससे पहले इतने बड़े पैमाने पर कोई सहायता अन्यत्र कहीं नहीं भेजी है। वे हमारी और मदद करने वाले हैं जिसके लिए हम आभारी हैं।’’ विदेश मंत्रालय ने 10 मई को कहा कि भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ की नीति को ध्यान में रखते हुए नयी दिल्ली ने श्रीलंका के लोगों की मौजूदा कठिनाइयों को दूर करने में मदद करने के लिए इस वर्ष 3.5 अरब डॉलर से अधिक की सहायता प्रदान की है। स्टालिन ने बुधवार को चेन्नई में इस राहत खेप को रवाना किया था।
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