रूस के साथ जारी तनाव के बीच नाटो के 20 देश एक साथ दो-दो युद्धाभ्यास कर रहे हैं। यह अभ्यास पोलैंड समेत यूरोप के आठ देशों में आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें सैकड़ों की संख्या में टैंक-तोप, मिसाइलें, युद्धपोत और लड़ाकू विमानों के अलावा 18000 सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद नाटो ने अपने सभी कमांड को हाई अलर्ट पर रखा हुआ है और लगातार सैन्य गतिविधियों को बढ़ा रहा है। इस बीच फिनलैंड और स्वीडन ने भी ऐलान किया है कि वे जल्द ही नाटो की सदस्यता ले सकते हैं।
पोलैंड ने बताया नियमित अभ्यास का हिस्सा : पोलैंड के सशस्त्र बलों ने एक बयान जारी कर बताया है कि नाटो के सैनिकों की भागीदारी वाला एक सैन्य अभ्यास शुरू हो चुका है। पोलैंड ने दावा किया है कि यह नियमित अभ्यास का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य पूर्वी यूरोप में सुरक्षा को बेहतर बनाना है। लेकिन, यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच इस युद्धाभ्यास को सीधे-सीधे मॉस्को के लिए चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
लोगों से सैन्य वाहनों की तस्वीरें और सूचना शेयर नहीं करने की सलाह : युद्धाभ्यास के कारण पोलैंड ने अपने नागरिकों से अपील की है कि वे आने वाले हफ्तों में देश से होकर गुजरने वाले सैन्य वाहनों के काफिलों की तस्वीरें या सूचना को सार्वजनिक नहीं करें। बयान में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि आपकी कोई भी लापरवाह गतिविधि नाटो गठबंधन की सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में सभी लोग खतरों से सावधान रहें।
20 देशों के 18000 सैनिक कर रहे युद्धाभ्यास : पोलैंड की सेना ने एक बयान में कहा कि 20 से अधिक देशों से 18,000 सैनिक ‘डिफेंडर यूरोप 2022’ और ’स्विफ्ट रिस्पॉन्स 2022’ अभ्यासों में भाग ले रहे हैं, जो पोलैंड और आठ अन्य देशों में आयोजित हो रहे हैं। यह अभ्यास एक से 27 मई तक चलेगा।