यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध का आज 19वां दिन है. राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने नाटो से अनुरोध किया है कि उनके देश में नो-फ्लाई जोन लागू किया जाए. उन्होंने देश को संबोधित करते हुए एक वीडियो मैसेज में कहा कि उनकी तरफ से नाटो को पहले ही चेतावनी दे दी गई थी कि बिना जरूरी प्रतिबंधों के रूस युद्ध शुरू कर देगा, उनकी पूरी विचारधारा झूठ पर टिकी है और वो नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेगा.
उन्होंने कहा, ‘अगर आप हमारे आसमान को बंद नहीं करेंगे, तो ये बस समय की बात है, जिससे पहले रूसी रॉकेट आपके क्षेत्र में, नाटो को क्षेत्र में गिरेंगे, नाटो नागरिकों के घरों पर गिरेंगे.’ उन्होंने इसके साथ ही युद्ध से जुड़ी जरूरी जानकारी भी साझा की है. जेलेंस्की ने कहा, यावोरिव परीक्षण स्थल पर गोलाबारी हुई है, जिससे पता चलता है कि रूस को धमकी देना काम नहीं आया. अस्पताल में हमारे लोगों से मुलाकात की. रूसियां का भी वहां इलाज चल रहा है.
यूक्रेन के डॉक्टरों का आभार जताया : जेलेंस्की ने कहा, यूक्रेन के डॉक्टर उनकी (रूसी) जिंदगी बचा रहे हैं. और यह समझ में आता है. क्योंकि वो इंसान हैं, जानवर नहीं. मैं कीव, निप्रो, विन्नित्सिया, लवीव, चेर्निहीव, डोनबास, खार्किव, मेलिटोपोल, मारियुपोल में काम करने वाले डॉक्टरों और नर्सों… सभी का आभारी हूं. उनकी तरफ से बताया गया कि बुल्गारिया, स्लोवाकिया, चेक गणराज्य, रोमानिया, पोलैंड और ब्रिटेन के साथ महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय वार्ता हुई है.
ह्यूमन कॉरिडोर कर रहे काम : रूस और यूक्रेन के अधिकारियों के बीच भी युद्ध खत्म करने को लेकर बातचीत होगी. ये बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए की जाएगी. राष्ट्रपति ने कहा, यूक्रेन-रूस वार्ता में हमारे प्रतिनिधिमंडल का काम राष्ट्रपतियों की बैठक आयोजित करने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा. उन्होंने ये भी जानकारी दी कि दस से अधिक ह्यूमन कॉरिडोर में काम चल रहा है. कीव, लुहांस्क क्षेत्र में एक दिन में 5550 लोगों को बचाया गया है. छह दिनों में 130 हजार से अधिक लोगों को बचाया गया लेकिन दुख की बात है कि मारियुपोल में ह्यूमन कॉरिडोर को ब्लॉक किया गया.
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