रूस और यूक्रेन (Ukraine) के बीच युद्ध का खतरा बढ़ता जा रहा है. इसे देखते हुए अमेरिकी रक्षा विभाग (US Department of Defense) ने 8,500 अमेरिकी सैनिकों को पूर्वी यूरोप में तैनाती के लिए ‘हाई अलर्ट’ पर रखा है. अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन (Pentagon) के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि 8500 अमेरिकी सैनिक हाई अलर्ट पर हैं. इन सैनिकों में कॉम्बेट टीम, हेल्थ वर्कर्स, इंटेलिजेंस और सर्विलांस टीमें शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘अभी तक इन सैनिकों की तैनाती के लिए न तो कोई आदेश जारी किया गया है और न ही इन्हें कोई मिशन सौंपा गया है.
पूर्वी यूरोप में नाटो को मजबूत करने के लिए अमेरिकी सैनिकों को तैनात किया जा सकता है. जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिकी सैनिकों की तैनाती नाटो सैन्य गठबंधन द्वारा तीव्र प्रतिक्रिया बल को सक्रिय करने के फैसले के बाद होगी. उन्होंने कहा, ‘रूस की सेना की तैनाती के चलते अगर कोई गंभीर स्थिति बनती है तो अमेरिकी सैनिकों को तैनात किया जाएगा. फिलहाल यूक्रेन में अमेरिकी सैनिकों को तैनात करने की कोई योजना नहीं है.’
नाटो की ओर से यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब रूस लगातार अपनी तरफ से लगने वाली यूक्रेन सीमा पर सैनिकों की तैनाती कर रहा है. हालिया रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ है कि रूस अब तक कम से कम एक लाख सैनिक यूक्रेन सीमा पर भेज चुका है. रूसी टुकड़ियां यहां युद्धाभ्यास में भी जुटी हैं. बता दें कि नाटो यूरोप और उत्तरी अमेरिका के 30 देशों का संगठन है.
इसमें फ्रांस, बेल्जियम, लक्जम्बर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैंड, इटली, नॉर्वे, पुर्तगाल, जर्मनी, अमेरिका और तुर्की जैसे देश शामिल हैं. नाटो का गठन ही रूस के बड़े खतरे को देखते हुए किया गया था. इस संधि के तहत गठबंधन के किसी भी देश पर हमला पूरे नाटो पर हमला माना जाएगा और ये संगठन दुश्मनों पर कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा.
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