भारत और इंग्लैंड के बीच बर्मिंघम टेस्ट अब ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहां से जसप्रीत बुमराह की कप्तानी वाली टीम को कोई करिश्मा ही जीत दिला सकती है। तीन दिन तक ड्राइविंग सीट होने के बाद चौथे दिन आखिरी सत्र में इंग्लैंड ने पलटवार किया और टीम इंडिया अब मुश्किल में दिख रही है। भारत को जीत के लिए मुश्किल 7 विकेट चाहिए, जबकि इंग्लैंड को 119 रनों की जरूरत है। पूरे दिन का खेल बचा हुआ है तो एक बात तो साफ है कि या तो भारत उसे ऑलआउट करे या फिर बारिश हो। वर्ना अगर मैच के 30 ओवर भी खेले गए तो इंग्लैंड जीत लेगा।
इंग्लैंड का बदला अंदाज, लीक से हटकर खेल रहा क्रिकेट : देखा जाए तो इंग्लैंड ने 15 दिन के अंदर दूसरी बार अपने आक्रामक खेल से हैरान किया है। इंग्लिश टीम परंपरागत क्रिकेट में विश्वास रखती थी और बड़ा लक्ष्य मिलने के बाद काफी डिफेंसिव हो जाती थी। पूरा फोकस ड्रॉ पर होता था, लेकिन जब से ब्रैंडन मैकुलम टीम के कप्तान बने हैं उसके खेलने का तरीका ही बदल गया है। बेन स्टोक्स की कप्तानी में टीम टेस्ट को भी वनडे और T20 की तरह खेल रही है।
यह तो मैकुलम प्रोसेस है… : यूं ही नहीं कहते हैं कि किसी भी काम के होने से कहीं अधिक प्रोसेस अहम होता है। यहां भी कुछ ऐसा ही है। इससे पहले कि हम बात करें इंग्लैंड टीम और उसके कोच की, उससे पहले भारत के 2014 में न्यूजीलैंड दौरे पर बात करते हैं। यह जरूरी भी है। दरअसल, भारतीय टीम ने 2014 के फरवरी में दो मैचों की टेस्ट श्रृंखला के लिए न्यूजीलैंड की यात्रा की थी। न्यूजीलैंड ने पहला मैच 40 रनों के अंतर से जीता। 30 रन पर 3 विकेट खोकर न्यूजीलैंड मुश्किल में था, लेकिन मैकुलम ने कुछ ही घंटों की बैटिंग से पूरा पासा ही पलट दिया।
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