बीते दिनों दिग्गज भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने जब अपनी दिल की टीस दुनिया के सामने रखी तो तहलका मच गया। अश्विन की माने तो टीम में उनके साथ भेदभाव होता था। सिर्फ इतना ही नहीं अश्विन की माने तो रवि शास्त्री के एक बयान से तो वह अंदर से टूट गए थे। अब पूरे मामले पर शास्त्री का भी पक्ष आ गया है। पूर्व भारतीय कोच ने एक मीडिया हाउस से बातचीत में अपनी बात रखी।
‘मेरा काम सबको खुश रखना नहीं’ : इंडियन एक्सप्रेस के एक प्रोग्राम में शास्त्री ने गुरुवार को कहा कि, ‘अश्विन सिडनी टेस्ट नहीं खेल पाए और तब कुलदीप ने अच्छी गेंदबाजी की। इसलिए यह उचित है कि मैं कुलदीप को मौका दूं। अगर इससे अश्विन को ठेस पहुंची है तो मैं बहुत खुश हूं। इसने उसे कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया। मेरा काम हर किसी के टोस्ट को मक्खन लगाना नहीं है। मेरा काम बिना एजेंडे के तथ्यों को बताना है। मेरा काम हर किसी के टोस्ट पर मक्खन लगाना नहीं है। (हर किसी को खुश रखना नहीं है) मेरा काम बिना एजेंडे के तथ्यों को बताना है।’
रवि शास्त्री ने सिडनी टेस्ट के बाद बड़ी अहम बात कही। उन्होंने कुलदीप को अश्विन और जडेजा से भी ‘आगे’ बता दिया। शास्त्री ने तब साफ कर दिया था कि कुलदीप पहली चॉइस होंगे। शास्त्री ने तब कहा, ‘सिडनी में कुलदीप की गेंदबाजी से मैं बेहद प्रभावित हूं। टेस्ट क्रिकेट में भी रिस्ट स्पिन का दौर लद चुका है, खासतौर से ओवरसीज टेस्ट क्रिकेट में। जिस तरह से उन्होंने (कुलदीप) सिडनी में गेंदबाजी की, वह ओवरसीज टेस्ट क्रिकेट में हमारे नंबर एक स्पिनर बन गए हैं।
अश्विन को एडिलेड टेस्ट के दौरान ही चोट लग गई थी। दर्द के बावजूद उन्होंने दूसरी पारी में 50 से ज्यादा ओवर फेंके। यही वजह थी कि जब सीरीज खत्म होने के बाद शास्त्री ने कुलदीप को ‘नंबर 1 स्पिनर’ बताया तो उन्हें बुरा लगना ही था। अश्विन ने ईएसपीनक्रिकइंफो को दिए इंटरव्यू में कहा कि उस दिन शास्त्री ने जो कुछ कहा, उसने उन्हें ‘तोड़कर’ रख दिया। अश्विन के मुताबिक, उन्हें ऐसा लगा कि उन्हें जानबूझकर सजा दी जा रही है।
अश्विन ने इंटरव्यू में आगे कहा, ‘लेकिन अगर मुझे इस खुशी में शामिल होना है और टीम की सफलता में भी, तो मुझे यह लगना चाहिए कि मैं उसका हिस्सा हूं। अगर मुझे ऐसा लगेगा कि मुझे बेवजह सजा दी जा रही है तो मैं कैसे टीम या टीममेट की कामयाबी की खुशी में पार्टी करने जाऊंगा? मैं अपने कमरे में वापस गया और पत्नी से बात की। मेरे बच्चे भी वहीं थे। तो हम उस बात से ध्यान हटाने में कामयाब रहे और फिर मैं पार्टी में गया, क्योंकि आखिर हमने एक बड़ी सीरीज जीती थी।’
‘मुझे खुशी है कि अश्विन को ठेस पहुंची’ : ‘यदि आपका कोच आपको चुनौती देता है, तो आप क्या करेंगे? रोते हुए घर जाओ और कहो कि मैं वापस नहीं आऊंगा। मैं कोच को गलत साबित करने के लिए एक खिलाड़ी के रूप में इसे एक चैलेंज समझूंगा। अगर कुलदीप पर मेरे बयान से अश्विन को ठेस पहुंची है, तो मुझे खुशी है कि मैंने यह बयान दिया। इसने उन्हें कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि तब के अश्विन और आज के अश्विन में जमीन-आसमां का अंतर है।
क्या है पूरा मामला? : 2018-19 में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी। सिडनी टेस्ट ड्रॉ होते ही टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया था। पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में टेस्ट सीरीज में मात दी थी। ‘चाइनामैन’ कुलदीप यादव ने सिडनी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के 5 विकेट चटकाए थे। मैच के बाद तब कोच रहे रवि शास्त्री ने कहा था कि कुलदीप हमारे ‘प्राइमरी स्पिनर’ होंगे। शास्त्री की यही बात रविचंद्रन अश्विन को चुभ गई। इतनी कि तीन साल बाद उस दिन के बारे में बाद करते हुए उन्होंने हाल ही में कहा कि, ‘मैंने एकदम कुचला हुआ महसूस किया।’