एक शादीशुदा रिश्ते में पति-पत्नी दोनों के सामंजस्य के साथ बढ़िया साझेदारी की हमेशा ही जरूरत होती है। लेकिन मैरिड लाइफ में आज भी अक्सर महिलाओं से ही बलिदान और एडजस्ट करने की उम्मीद की जाती है। वहीं शादी के बाद उनपर कई तरह की जिम्मेदारियों को लादने के अलावा रोक-टोक की भी लाइन लगी रहती है। ऐसे में भले ही हस्बैंड-वाइफ का रिश्ता चलता रहे, लेकिन उनके बीच खटास बढ़ने से लेकर लड़ाई-झगड़े की वजह यही बातें बनती हैं। इससे आपका पार्टनर के साथ रिश्ता न सिर्फ कमजोर होता चला जाता है, बल्कि हर रोज छोटी-छोटी बातों पर खटपट भी होने लगती है।
ऐसे में आपको यह समझना होगा कि अपनी पत्नी पर डॉमिनेट होने के बजाय उन्हें अपनी तरह से रहने की आजादी दें, जो उनका हक है। तो चलिए कुछ ऐसे कारणों पर नजर डालते हैं, जिनसे आप समझ सकते हैं कि कौन सी बातें आपकी पत्नी के साथ रिश्ता कमजोर देता है। (फोटोज साभार – इंडिया टाइम्स)
न करें पत्नी को अपने मुताबिक चलाने की कोशिश : जब आप अपनी पत्नी की लाइफ के फैसले खुद लेने लगते हैं, तो आप उनसे उनकी आजादी छीनने की कोशिश कर रहे होते हैं। अपने डिसीजन वाइफ पर थोपने का प्रयास करना आपके रिश्ते में दूरियों को जगह देता है। जब आप ऐसा करते हैं, तो आप कहीं न कहीं उनके महत्व को कम करने के साथ रिश्ते में उनके अस्तित्व को न के बराबर कर देते हैं। यही कारण है कि एक महिला ऐसे रिश्ते में न सिर्फ बंधा हुआ महसूस करती है बल्कि खुद को भी खो देती है। बदलते समय के साथ धीरे-धीरे वाइफ और आपके बीच कड़वाहट बढ़ने लगती है।
पत्नी के दिल की बात सुनना जरूरी : अपनी पार्टनर को समझना आपकी जिम्मेदारी बनती है। हालांकि अक्सर पति सिर्फ अपने मन की बात पत्नी को सुनाते रहते हैं, लेकिन उन्हें समझने की कोशिशि नहीं करते हैं। मगर एक हेल्दी रिलेशनशिप के लिए पति और पत्नी दोनों को एक-दूसरे के इमोशंस की कद्र करनी पड़ती है। ऐसे में अपनी वाइफ का पक्ष भी हमेशा जानने की कोशिश करें कि वह क्या चाहती हैं और उसके बाद ही किसी फैसले पर पहुंचे।
कपड़ों को लेकर रोक-टोक : शादी के बाद अक्सर महिलाओं को एक अलग तरह के कायदे और कानून में रहने की सलाह दी जाती है। जिसमें सबसे ऊपर पहनावा आता है। अब भी कई घरों में पत्नी को अपनी मर्जी अनुसार कपड़े पहनने की इजाजत नहीं होती है। उसके ससुरालवाले और पति साड़ी या सूट के रूप में उसका ड्रेस कोड डिसाइड करते हैं। ऐसे में भले ही एक पत्नी खुलकर कुछ न कहे, लेकिन इसका सीधा असर आपके रिश्ते पर पड़ने लगता है, जो धीरे-धीरे इसे खोखला करने का काम करता है। आपको समझना होगा कि शादी के बाद हो या पहले एक लड़की को उसके अनुसार अपनी लाइफस्टाइल में रहने का पूरा अधिकार होता है।
जॉब के लिए रखा जाता है एक टाइम : ऐसा नहीं है कि शादी के बाद जॉब करना लड़कियों के लिए इतना कठिन रह गया है। शहरों में अब कई लोग वर्किंग बहू की चाहत रखते हैं, लेकिन इसका भी अपना एक सीमित दायरा उनके दिमाग में सेट होता है। आपने देखा होगा कि कई लड़के यह तो कहते हैं कि मुझे वर्किंग वाइफ चाहिए, लेकिन उसकी शिफ्ट टाइमिंग सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक की हो। जिस कारण कई लड़कियों को शादी के बाद अपनी प्राइवेट जॉब छोड़नी पड़ती है। इस कारण कई डिवोर्स केस भी देखने को मिलते रहे हैं। ऐसे में आपको यह समझना होगा कि आपकी तरह आपकी पत्नी को भी किसी टाइम पर जॉब करने का पूरा हक है।