हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण कर रहा उत्तर कोरिया भुखमरी के कगार पर खड़ा है। उर्वरक की कमी के कारण देश का खाद्यान उत्पादन पिछले कई साल से लगातार घट रहा है। इस कारण अब उत्तर कोरियाई प्रशासन ने अपने नागरिकों को खुद के मल-मूत्र से खाद बनाने की सलाह दी है। संयुक्त राष्ट्र ने भी बताया है कि उत्तर कोरिया जल्द ही गंभीर खाद्य संकट में फंस सकता है।
बाजार को खोलने का समय कम किया गया : डेली एनके की रिपोर्ट के अनुसार, अधिक घरेलू खाद का उत्पादन करने के लिए उत्तर कोरिया नागरिकों के बीच प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाने का प्रयास कर रहा है। यांगगांग प्रांत के एक सूत्र के हवाले से बताया गया है कि केंद्रीय समिति ने आदेश दिया है कि प्रांत के बाजारों में दोपहर 2:00 बजे से काम करने के बजाय अपने परिचालन समय को एक घंटे कम कर दें।
हर परिवार के लिए तय किया गया कोटा : उत्तर कोरिया के बाजारों को तीन बजे से पांच बजे तक काम करने का आदेश दिया गया है, तकि लोग अपने खाद का कोटा पूरा कर सकें। रिपोर्ट में बताया गया है कि हर व्यक्ति को कारखानों और उद्यमों को 500 किलो खाद उपलब्ध करवाने का आदेश दिया गया है। उत्तर कोरिया के हर एक परिवार को 3 दिसंबर से 10 जनवरी के बीच प्रति परिवार 200 किलो खाद उपलब्ध कराना होगा।
खाद की निश्चित मात्रा न देने पर करना होगा भुगतान : इतनी मात्रा में खाद उत्पादन न करने में फेल रहने वाले लोगों को प्रति किलो भुगतान करना पड़ेगा। रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि किसानों से खाद में मिलाने के लिए अपना मूत्र को कंपनियों को देने का अनुरोध किया गया है। इस काम को पूरा करवाने के लिए उत्तर कोरियाई सरकारी अधिकारियों ने इलाके के हिसाब से परिवार को बांटा हुआ है।
यूएन रिपोर्ट में स्थिति और बिगड़ने की चेतावनी : मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत टॉमस ओजेआ क्विंटाना ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि सामान्य उत्तर कोरियाई नागरिक गरिमा का जीवन जीने के लिए दिन-प्रतिदिन संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि उत्तर कोरिया में लगातार बिगड़ती मानवीय स्थिति गंभीर संकट में बदल सकती है। क्विंटाना ने कहा कि गंभीर खाद्य संकट की स्थिति में उत्तर कोरिया के सबसे कमजोर लोगों की रक्षा के लिए प्रतिबंधों में ढील दी जानी चाहिए।
उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंधों में ढील देने की अपील : उन्होंने कहा कि सबसे कमजोर बच्चों और बुजुर्गों को भुखमरी का खतरा है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उत्तर कोरिया पर लगाए गए प्रतिबंधों की समीक्षा करनी चाहिए। मानवीय और जीवनरक्षक सहायता दोनों को सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक होने पर उनमें ढील दी जानी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने कहा कि उत्तर कोरिया इस साल लगभग 860,000 टन भोजन की कमी का सामना कर रहा है।
दूर दराज के इलाकों में फैली भुखमरी : उत्तर कोरिया के दूर दराज के क्षेत्रों से हाल में ही भुखमरी की खबरें आई हैं। इन इलाकों में उद्योग और कृषि बड़े पैमाने पर ईंधन और स्पेयर पार्ट्स की कमी से ठप हो गए हैं। इतना ही नहीं, उत्तर कोरिया में चोरी की व्यापक रिपोर्टें भी हैं। बड़ी बात यह है कि इसमें पुलिसकर्मियों की मिलीभगत की भी जानकारी मिली है। इस कारण स्थानीय नागरिक और अधिक हताश होते जा रहे हैं।