केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को यहां कहा कि केंद्र सरकार का इरादा भारत को खेल राष्ट्र में बदलने का है ताकि वह 2047 तक खेलों के क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल हो सके। भारत 2047 में अपनी स्वतंत्रता का शताब्दी वर्ष मनाएगा। शाह ने इसके साथ ही कहा कि खेलो इंडिया और फिट इंडिया जैसी पहल का उद्देश्य भारत को शीर्ष खेल राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को हासिल करना है। शाह ने यहां खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों (केआईयूजी) के समापन समारोह में कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि भारत 2047 तक खेलों के क्षेत्र में शीर्ष पांच देशों में शामिल हो जाए। उस समय हम अपनी स्वतंत्रता के 100 साल पूरे करने का जश्न मनाएंगे।’’ केआईयूजी में पूरे भारत के 208 विश्वविद्यालयों के लगभग 3900 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। शाह ने कहा, ‘‘हम भारत को खेल राष्ट्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही हम खेल के बुनियादी ढांचे, खेल विज्ञान केंद्रों, सामुदायिक कोचिंग सुविधाओं का निर्माण कर रहे हैं। हम अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों की व्यवस्था कर रहे हैं और वार्षिक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि देश ने क्रिकेट को छोड़कर कभी किसी अन्य खेल में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिशा में योजनाबद्ध तरीके से काम करने के लिये प्रेरित हुए, ताकि भारत 2047 तक शीर्ष खेल राष्ट्र बन सके।
गृहमंत्री ने कहा कि इस दिशा में किये गये सार्थक प्रयासों का ही परिणाम है कि भारत ने ओलंपिक और पैरालंपिक में कई पदक जीते, जैसा कि अतीत में पहले कभी नहीं हुआ था। केआईयूजी-2021 के बारे में शाह ने कहा कि इन खेलों का 2020 में ओडिशा में आयोजन किया गया था जिसमें 138 विश्वविद्यालयों के 3100 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था लेकिन केआईयूजी-2021 में 208 विश्वविद्यालयों के 3900 खिलाड़ियों ने भाग लिया। केआईयूजी-2021 का आयोजन पिछले साल किया जाना था लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इन्हें इस साल आयोजित किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कर्नाटक सरकार और मेजबान जैन विश्वविद्यालय की इन खेलों के सफलतापूर्वक आयोजन के लिये प्रशंसा की। केआईयूजी-2021 के समापन समारोह के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और योग का प्रदर्शन किया गया।