पटना में हुये U-15 ओपन रैंकिंग टूर्नामेंट में लगभग 1000 से भी ज़्यादा पहलवानो ने भाग लिया जिसमे भारतीय कुश्ती संघ ने कड़ा फैसला लेते हुए लगभग 150 से ज़्यादा ओवर ऐज पहलवानो को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया। इसके अतिरिक्त, राँची में सम्पन्न हुई अंडर-17 (कैडेट) राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में भी ओवर ऐज पहलवानो को बाहर किया है। पहलवानो के दस्तावेजो कि जांच में पता चला कि पहलवान अपनी आयु घटाने के लिए दिल्ली राज्य का सहारा लेते है क्योकि दिल्ली में आसानी से जन्मप्रमाण पत्र ऑनलाइन मिल जाता है। नाम ना छापने की शर्त पर एक पहलवान ने स्वीकार किया कि उसने 2 साल उम्र घटाने के लिए दिल्ली से नया जन्मप्रमाण पत्र ऑनलाइन प्राप्त किया। जांच में कुश्ती संघ ने ये भी पाया कि जो पहलवान अपनी सही उम्र से भाग ले रहा है उसका जन्मप्रमाण पत्र भी उसके जन्म वर्ष का है जबकि जिस पहलवान ने अपनी उम्र में छेड़छाड़ की है वह अपना जन्मप्रमाण पत्र वर्तमान वर्ष का लेके आते है! उदाहरण के तौर पर जिस पहलवान का जन्मवर्ष 2004 है और अगर उसने अपने जन्मप्रमाण पत्र में छेड़छाड़ की है तो उसका जन्मप्रमाण पत्र 2020, 2021 या 2022 वर्ष में जारी किया होगा।
ये भी पाया गया कि ज़्यादातर हरियाणा के पहलवानो ने जिसने अपनी उम्र कम की है उसका जन्मप्रमाण पत्र दिल्ली का होता है ओर उस जन्मप्रमाण पत्र जारी करने का वर्तमान वर्ष होता है।
रांची में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी भारतीय कुश्ती संघ ने सभी पहलवानो के दस्तावेजों की बारीकी से जांच की है तथा उन पहलवानो को हटा दिया है जिन्होंने अपनी उम्र घटाने के लिये दस्तावेज़ों में छेड़छाड़ की है। इस वावत में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष श्री बृजभूषण शरण सिंह, सांसद जी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री केजरीवाल एवम लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री अनिल बेजल जी को एक पत्र के माध्यम से जन्मप्रमाण पत्र के फर्ज़ीवाड़े के वारे में अवगत करवाया तथा कड़े फैसले लेने की प्रथान की है।