पाकिस्तान ने ब्रिटिश सरकार को चिट्ठी लिखकर भारत से यात्रा पाबंदी को हटाने और उनके देश को रेड लिस्ट में बनाए रखने को लेकर शिकायत की है। पाकिस्तान के एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में लंदन के कोविड-19 की यात्रा संबंधी पाबंदियों में भेदभाव करने की शिकायत की है। दरअसल, ब्रिटेन ने कुछ दिनों पहले भारत को रेड सूची से निकाल कर एम्बर सूची में डाल दिया था, जबकि पाकिस्तान को रेड लिस्ट में बनाये रखा है।
भारत को रेड लिस्ट से निकालने पर हुआ था हंगामा : पाकिस्तान को अप्रैल की शुरुआत में और भारत को 19 अप्रैल को रेड सूची में रखा गया था, लेकिन इस्लामाबाद के विपरीत, नई दिल्ली को कुछ अन्य देशों के साथ 5 अगस्त को एम्बर सूची में डाल दिया गया, जिससे सरकार के फैसले के खिलाफ हंगामा हुआ। ब्रिटेन के परिवहन मंत्री ग्रांट शाप्स ने ट्वीट किया कि यूएई, कतर, भारत और बहरीन को ‘रेड’ सूची से निकाल कर एम्बर सूची में डाल दिया गया है। ये सभी बदलाव आठ अगस्त को सुबह चार बजे से अमल में आएंगे।
एम्बर लिस्क में शामिल होने का क्या है मतलब? : देश के कानून के तहत ‘एम्बर’ सूची में शामिल देशों के यात्रियों को अपनी रवानगी से तीन दिन पहले कोविड-19 संबंधी जांच करानी होगी और ब्रिटेन जाने से पहले ही कोविड-19 की दो जांच की ‘बुकिंग’ करानी होगी और वहां पहुंचने के बाद ‘पैसेंजर लोकेटर फार्म’ भरना होगा। वहीं, यात्री को 10 दिन के लिए घर में या किसी अन्य स्थान पर पृथक-वास में रहना होगा।
पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र : ब्रिटेन के पाकिस्तानी मूल के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद को लिखे पत्र में, स्वास्थ्य पर पाकिस्तान के विशेष सहायक फैसल सुल्तान ने देश के महामारी के आंकड़ों की तुलना इस क्षेत्र के अन्य देशों के साथ की। पत्र को मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने ट्विटर पर साझा किया है। सुल्तान ने कहा कि संक्रमित लोगों को यात्रा करने से रोकने के लिए तीन त्रिस्तरीय दृष्टिकोण का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसमें ‘‘डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा स्वीकृत कोविड-19 रोधी टीका लगाये जाने का वैध प्रमाणपत्र, रवानगी से 72 घंटे पहले एक पीसीआर (पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन) जांच और हवाई अड्डे पर प्रस्थान से पहले का एक रैपिड एंटीजन टेस्ट शामिल है।’’
पाकिस्तान ने भारत के कोरोना केस से की तुलना : पाकिस्तान के कोविड -19 के आंकड़ों की तुलना भारत, ईरान और इराक के साथ करते हुए सुल्तान ने कहा कि पाकिस्तान में प्रति 10 लाख लोगों पर दैनिक मामले, प्रति 10 लाख लोगों पर होने वाली मृत्यु और प्रति 10 लाख लोगों पर कुल मृत्यु क्षेत्र में सबसे कम है, जबकि प्रति 100 लोगों पर प्रतिदिन टीकाकरण सबसे अधिक है। सुल्तान ने पत्र में कहा कि निगरानी आंकड़े जिस पर ब्रिटेन का कहना है कि उसका निर्णय आधारित है, ‘‘निस्संदेह महत्वपूर्ण’’ है, लेकिन महामारी के प्रबंधन के देश का समग्र कार्य निष्पादन रिकॉर्ड अधिक महत्वपूर्ण है।
ब्रिटिश सरकार के फैसले से क्यों परेशान है पाकिस्तान? : उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि जीनोम अनुक्रमण के मामले में पाकिस्तान ब्रिटेन से पिछड़ गया है, लेकिन यह भी कहा कि जीनोमिक अनुक्रमण को एक प्रदर्शनकारी कदम के रूप में उपयोग करना और यात्रा से इनकार करने के लिए इसे उद्धृत करना अनावश्यक था। पाकिस्तान ब्रिटेन सरकार के फैसले से इसलिए परेशान है क्योंकि ब्रिटेन में रहने वाले एक बड़े समुदाय की जड़ें पाकिस्तान में हैं और वे अक्सर पाकिस्तान में अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए यात्रा करते हैं।